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विश्वकर्मा जयंती 2024: मुख्यमंत्री आज बांटेंगे 50 हजार करोड़ के ऋण, हस्तशिल्पियों को देंगे टूल किट - Vishwakarma Jayanti 2024 - VISHWAKARMA JAYANTI 2024

विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti 2024) के मौके पर मुख्यमंत्री मंगलवार को विश्वकर्मा श्रम सम्मान व एक जिला एक उत्पाद तथा माटीकला के अंतर्गत हस्तशिल्पियों को टूलकिट प्रदान करने के साथ ही 50 हजार करोड़ का ऋण बांटेंगे. कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जूपिटर हॉल में शाम 4 बजे होगा.

विश्वकर्मा जयंती पर मुख्यमंत्री बांटेंगे ऋण.
विश्वकर्मा जयंती पर मुख्यमंत्री बांटेंगे ऋण. (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 8:18 AM IST

लखनऊ : विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर मंगलवार को राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विश्वकर्मा श्रम सम्मान व एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) तथा माटीकला के अंतर्गत हस्तशिल्पियों को टूलकिट प्रदान करने के साथ ही 50 हजार करोड़ का ऋण वितरित करेंगे. इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जूपिटर हॉल में शाम 4 बजे होने वाले इस कार्यक्रम में हस्तशिल्पियों व कारीगरों के सम्मान के साथ ही प्रदेश की पारंपरिक कला को प्रश्रय देने का नया रास्ता भी खुलेगा.






विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना :यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों और दस्तकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. योजना के तहत कारीगरों को कौशल विकास प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और मार्केटिंग सहायता प्रदान की जाती है. इसके तहत पारंपरिक कारीगरों के कौशल को बढ़ाना और उन्हें आधुनिक तकनीक से अवगत कराना योजना का प्रमुख उद्देश्य है. योजना के अंतर्गत आने वाले कारीगरों को उनके व्यवसाय को बढ़ाने के लिए ऋण और अनुदान प्रदान किया जाता है. साथ ही कारीगरों के उत्पादों को बाजार में पहुंचाने के लिए मार्केटिंग और ब्रांडिंग के काम में सहायता भी प्रदान की जाती है.

ओडीओपी योजना :ओडीओपी योजना का मतलब है 'एक जिला एक उत्पाद'. यह प्रदेश सरकार की एक पहल है. योजना का उद्देश्य राज्य के विभिन्न जिलों में मौजूद विशिष्ट हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पादों और अन्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है. इसके तहत हर जिले में एक खास उत्पाद को चुना जाता है और उसे देश-दुनिया में पहचान दिलाने का प्रयास किया जाता है. योजना स्थानीय कला और संस्कृति को बचाने में भी मदद करती है. इस योजना का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और राज्य के उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहुंचाने के साथ ही स्थानीय कला और शिल्प को बढ़ावा देना है. इसके लिए सरकार स्थानीय कारीगरों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिलती है.

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