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सावधान! डेंगू ही नहीं इबोला, मारबर्ग समेत 20 वायरस से घटती है प्लेटलेट्स - WORKSHOP IN PGI

पीजीआई में पांच दिवसीय हैंड्स ऑन राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू, विशेषज्ञों ने रखे विचार.

हैंड्स ऑन राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते अतिथि.
हैंड्स ऑन राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते अतिथि. (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 25, 2025, 7:58 AM IST

लखनऊ :हाथों को साबुन से धोना चाहिए, खांसते और छींकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से रखना चाहिए. जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे उचित दूरी बनाकर रखें, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का इस्तेमाल करें. हाथ की सफाई पर हमेशा ध्यान रखें. ऐसी ही तमाम जानकारियां मंगलवार को संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो रूग्मी एस के मारक और प्रो. अतुल गर्ग ने विभाग में हैंड ऑन नेशनल वर्कशॉप के मौके पर आयोजित सीएमई में दी. पीजीआई में डायग्नोस्टिक वायरोलॉजी फंडामेंटल लैबोरेटरी टेक्निक्स एंड प्रैक्टिसेस" विषय पर हैंड्स ऑन राष्ट्रीय कार्यशाला का पांच दिवसीय आयोजन किया गया है. कार्यशाला का उद्घाटन प्रोफेसर अमिता अग्रवाल प्रमुख, क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी द्वारा किया गया.



किंग जार्ज मेडिकल विवि की प्रोफेसर अमिता जैन ने बताया कि डेंगू के आलावा इबोला, मारबर्ग, केएफडी सहित 20 वायरस हैं. जिनमें प्लेटलेट्स कम हो सकता है. प्लेटलेट्स कम होने पर रक्तस्राव खतरा हो सकती है. अगर किसी भी व्यक्ति में प्लेटलेट्स कम हों और डेंगू का संक्रमण न निकला हो तो तुरंत दूसरे वायरस के संक्रमण का परीक्षण कराना चाहिए.



प्रोफेसर अतुल गर्ग ने बताया कि पहली बार वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए परीक्षण तकनीक के विस्तार के लिए पहली बार ऐसी अत्याधुनिक वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इस वर्कशॉप में वायरस कल्चर से जीन सिक्वेंसिंग तक सिखाया जाएगा. कार्यक्रम की मदद से परीक्षण के बारे में सारी जानकारियां देश के हर कोने तक पहुंचाई जाएंगी. इस सीएमई में 200 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन हमने देश के हर कोने से 20 लोगों को वर्कशॉप के लिए चयनित किया.

कार्यक्रम में लोहिया संस्थान की डाॅ ज्योत्सना अग्रवाल, पीजीआई की डाॅ. प्रेरणा कपूर ने दो या अधिक बीमारियों के सह-अस्तित्व और मलेरिया एवं टाइफाइड जैसी आम बीमारियों के बारे में जानकारी दी. न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर वीके पालीवाल ने वायरल इंसेफेलाइटिस के बारे में जानकारी साझा की. सीसीएम के डाॅ. मोहन गुर्जर ने आईसीयू मरीजों में साइटोमेगालोवायरस संक्रमण और इसके पुनः सक्रिय होने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया.

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