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लखनऊ नगर निगम का कारनामा, गौशाला में न टीन शेड लगी न छठ पूजा स्थल पर हुई बोरिंग, बिना काम के हो गया पूरा भुगतान - Lucknow Municipal Corporation

लखनऊ नगर निगम पर लाखों रुपये का घोटाला करने के आरोप लगे हैं. सरोजनी नगर वार्ड एक स्थित हराइन खेड़ा में बनाई गई गौशाला में कई कार्य कराए जाने थे. इन्हें कागजों में पूरा दिखाकर लाखों को रुपये का भुगतान ले लिया गया.

लखनऊ नगर निगम में घोटाला.
लखनऊ नगर निगम में घोटाला. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 11, 2024, 9:36 AM IST

लखनऊ :नगर निगम के अभियंत्रण विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है. कहीं अच्छी सड़क को खोदकर दोबारा बनाया जाता है तो कहीं कागज पर काम दिखाकर भुगतान ले लिया जा रहा है. आठ जोनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं. सरोजनी नगर प्रथम वार्ड भी इनमें से एक है. यहां अभियंत्रण विभाग की ओर से लाखों के अधूरे काम को कागज पर पूरा दिखाकर पूरा भुगतान ले लिया गया. पार्षद ने इसकी शिकायत भी कर रखी है. इसके बावजूद इसे गंभीरता से नहीं लिया गया.

सरोजनी नगर वार्ड एक स्थित हराइन खेड़ा में नगर निगम ने गौशाला बनाई है. दावा किया गया था कि अमौसी के पास हराइन खेड़ा में 64 एकड़ में गौवंश पशु प्राकृतिक वास में रह सकेंगे. गौवंश दूर तक विचरण कर चर सकेंगे, जहां कुछ शेड बनाए जाएंगे. बारिश व गर्मी में पशु इनके अंदर रह सकेंगे. इन गौवंशों की घेराबंदी कर शेड में नहीं रखा जाएगा. यह प्राकृतिक वास करीब पांच हजार गौवंशों के लिए होगा.

हराइन खेड़ा में बेसहारा गोवंश पशुओं को रखने के लिए टीन शेड लगाए गए. आरोप है कि कुछ समय बाद ही ये खराब हो गए. फिर इन्हें बदलने का खेल शुरू हुआ. गौशाला में बाड़ा संख्या एक, दो और तीन के पशुओं की सुरक्षा के लिए टीन शेड बदलने का टेंडर नगर निगम की ओर से निकाला गया. नगर निगम की निधि से इस काम के लिए करीब 3.52 लाख रुपए का टेंडर निकालकर ठेकेदार मेसर्स शेफाली कांस्ट्र को काम दिया गया.

क्षेत्रीय भाजपा पार्षद गीता देवी के प्रतिनिधि संजय गुप्ता का आरोप है कि नवंबर 2023 में काम को शत प्रतिशत दिखाकर भुगतान करा लिया गया है, जबकि मौके पर काम हुआ ही नहीं है. बताया जा रहा है कि छठ पूजा स्थल (स्कूटर इंडिया चौराहा) पर कोई भी बोरिंग साल 2023 - 24 में नहीं हुई बल्कि इससे पहले यहां पर बोरिंग हुई थी. यह आज भी मौजूद है, लेकिन फाइलों में बोरिंग साल 2024 में कराई गई है. उसका भुगतान भी कर दिया गया है.

नगर निगम के रिकॉर्ड की बात करें तो मेसर्स श्रीसाईं कंस्ट्रक्शन ने करीब एक लाख की लागत से बोरिंग कराई है. फाइलों में काम हो गया और फर्म को 1.07 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया गया. नगर आयुक्त से टीम बनाकर गौशाला में हुए कार्यों की जांच कराने की मांग की गई है. संजय का कहना है गौशाला की स्थिति बेहद खराब है. स्थानीय लोगों की मानें तो अव्यवस्था के चलते गौवंश मर रहे हैं.

सरोजनी नगर प्रथम की पार्षद गीता देवी का कहना है कि लगातार नगर निगम प्रशासन से इन मामलों की शिकायत की जा रही है लेकिन अभी तक कोई जांच नहीं हुई. इस मामले में नगर निगम के मुख्य अभियंता महेश वर्मा का कहना है इसकी जानकारी नहीं है. पूछताछ कर कारवाई की जाएगी. वहीं पार्षद का कहना है कि उन्हें कई बार जानकारी दी जा चुकी है.

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