लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की शासन व्यवस्था में लगातार तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. तकनीक का सहारा लेकर योगी सरकार प्रदेश में पारदर्शी शासन व्यवस्था लागू करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है. इसी के मद्देनजर प्रदेश का भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग अवैध खनन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए खनन पट्टों की निगरानी के लिए विशेष निरीक्षण एप की शुरुआत की है. माइनिंग मित्र पोर्टल के सफल संचालन के बाद अब अवैध खनन पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने के लिए सरकार अब खनन की गतिविधियों की डिजिटल निगरानी करेगी.
बता दें, उत्तर प्रदेश माइन मित्र, खनन व्यवसाय में पारदर्शिता लाने और अवैध गतिविधियों से निपटने के लिए यूपी सरकार की योजना है. इस योजना के तहत, खनन से जुड़ी कई सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है. सीएम योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने राज्य के खनन पट्टों पर प्रभावी निगरानी के लिए एक विशेष 'निरीक्षण एप' विकसित किया है. इस एप का उद्देश्य खनन क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण रखने और खनन कार्यों को पारदर्शी बनाने बनाना है. एप के माध्यम से प्रत्येक खनन पट्टे का निरीक्षण अब डिजिटल माध्यम से एक क्लिक पर संभव हो सकेगा. इससे किसी भी अवैध खनन गतिविधि पर तुरंत नजर रखी जा सकेगी और त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी.
सचल दलों द्वारा वास्तविक समय पर होगी निगरानी :भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की निदेशक माला श्रीवास्तव ने बताया कि 'निरीक्षण एप' का उपयोग सचल दलों द्वारा राज्यभर के खनन पट्टों में नियमित जांच के लिए किया जाएगा. यह एप न केवल निरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि जांच के परिणामों को त्वरित और एक क्लिक पर उपलब्ध कराने में भी सक्षम होगा. एप के माध्यम से विभिन्न जिलों में सक्रिय खनन पट्टों की निगरानी की जाएगी.
खनन पट्टाधारकों की तय होगी जवाबदेही :इस ऐप के माध्यम से खनन पट्टा धारकों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाएगी. एप के डेटा से हर खनन पट्टे की जानकारी अब डिजिटल रूप में उपलब्ध होगी. जिससे स्थानीय और उच्च स्तर के अधिकारियों को सभी गतिविधियों का सटीक निरीक्षण प्राप्त होगा. निदेशक माला श्रीवास्तव ने बताया कि यह एप खनन पट्टे पर हुई प्रत्येक गतिविधि को रिकॉर्ड करेगा और इसकी समीक्षा करने की सुविधा भी देगा. इससे खनन पट्टाधारकों के कार्यों में पारदर्शिता बनी रहेगी और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक भी किया जाएगा. किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में खनन पट्टा धारकों की इसके माध्यम से जवाबदेही भी तय की जाएगी.