हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

भगवान रघुनाथ के दर्शनों के लिए देश-विदेश से पहुंच रहे श्रद्धालु, 4 पहर हो रही पूजा - KULLU INTERNATIONAL DUSSEHRA

अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में सैकड़ों देवी-देवता पहुंचे हैं. अस्थाई शिविर में भगवान रघुनाथ की 4 पहर आरती की जा रही है.

Lord Raghunath worship
भगवान रघुनाथ का अस्थाई शिविर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 14, 2024, 3:40 PM IST

कुल्लू:मुख्यालय ढालपुर में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. सैकड़ों देवी-देवता अपने-अपने शिविर में विराजमान हो चुके हैं. इसके अलावा ढालपुर में भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर में भगवान रघुनाथ के दर्शनों के लिए लोग पहुंच रहे हैं. यहां पर भजन-कीर्तन का दौर जारी है.

ढालपुर मैदान में भगवान रघुनाथ की रोजाना अब 4 समय आरती की जाएगी. सोमवार को सुबह भगवान रघुनाथ की अस्थायी शिविर में पूजा के बाद मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह व अन्य पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ दूध, दही, शहद, पानी, पंचामृत, घी, शक्कर, तुलसी और जल के साथ विधिवत स्नान करवाया.

भगवान रघुनाथ की पूजा (ETV Bharat)

भगवान रघुनाथ को रेशमी वस्त्र, चंदन व कुमकुम का तिलक लगाया गया और सोने-चांदी के गहनों से हार श्रृंगार कर भगवान रघुनाथ, माता सीता, नरसिंह भगवान, शालिग्राम और हनुमान को गद्दी पर बैठाकर विभिन्न प्रकार के फूलों के साथ पूजा अर्चना की गई.

इसके बाद पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ 10 ध्रुव अर्पित किए और धूप, दीप से अर्पित किए गए फलों का भोग लगाया. इसके साथ ही पूजा संपन्न हो गई.

भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया "भगवान रघुनाथ के मंदिर सुल्तानपुर में भी दैनिक पूजा अर्चना होती है. रोजाना चौथे पहर में पूजा व सायंकाल में आरती व शयन आरती होती है. ढालपुर मैदान में भी यह सभी पूजा कार्यक्रम किए जा रहे हैं. रोजाना हजारों श्रद्धालु भगवान का आशीर्वाद ग्रहण कर रहे हैं."

ये भी पढ़ें:रथ यात्रा के साथ शुरू हुआ कुल्लू अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव, 7 दिनों तक ढालपुर में होगा देव मिलन

ये भी पढ़ें:ये देवी हैं राज परिवार की दादी, कुल्लू दशहरा की इन्हीं के आगमन से होती है शुरुआत

ये भी पढ़ें:Kullu Dussehra 2024: ना रामलीला, ना रावण दहन, फिर भी सबसे खास है एक हफ्ते तक चलने वाला कुल्लू दशहरा

ये भी पढ़ें: राजा को रोग से मुक्ति दिलाने के लिए अयोध्या से चुरा कर लाई गई थी मूर्तियां, जानिए कुल्लू दशहरे का इतिहास

ABOUT THE AUTHOR

...view details