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देवभूमि के इस मंदिर में आज तक श्रद्धालु नहीं कर पाए भगवान के दर्शन, कोशिश की तो हो गई अनहोनी - Latu Devta Temple Chamoli - LATU DEVTA TEMPLE CHAMOLI

Latu Devta Temple in Chamoli वैशाख पूर्णिमा के मौके पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ लाटू देवता मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं. लाटू देवता को मां नंदा के धर्म भाई के रूप में पूजा जाता है. इस मंदिर में पुजारी आंखों पर पट्टी बांधकर पूजा करते हैं. आज तक गर्भगृह में क्या है? यह किसी ने नहीं देखा है.

Lord Latu Devta Temple Door
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 23, 2024, 9:45 PM IST

Updated : Apr 23, 2024, 10:53 PM IST

थराली:चमोली के वाण गांव में स्थित लाटू देवता मंदिर के कपाट विधि विधान और पारंपरिक रूप से खोल दिए गए हैं. इस मौके पर भगवान लाटू देवता का आशीर्वाद पाने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. इस मंदिर की परंपरा भी अनोखी है. जहां पुजारी आंखों पर पट्टी बांधकर भगवान लाटू देवता की पूजा करते हैं. पूजा अर्चना करने के बाद गर्भगृह के कपाट को बंद कर दिया जाता है.

लाटू देवता मदिर में श्रद्धालु

बता दें कि मंगलवार यानी 223 अप्रैल को सुबह से ही लाटू धाम वाण के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई. जहां झोड़े, चाचरी का आयोजन किया गया. इसके बाद दोपहर 12.30 बजे मंदिर के कपाट शंखनाद, घंटियों की घनघनाहट, बाजे भंकरों के वादन और नंदा भगवती व लाटू देवता के जयकारे के बीच कपाट खोले गए. वहीं, लाटू मंदिर के गर्भगृह में गुप्त पूजा के बाद मंदिर परिसर में नंदा भगवती, काली, गोलू देवता, लाटू देवता, हनुमान, दानू देवता, भैरव आदि देवताओं की स्तुति की गई.

इस दौरान कई पश्वा पर देवता अवतरित हुए. जिन्होंने नाचते हुए श्रद्धालुओं को जौ के दाने देकर आशीर्वाद दिया. वहीं, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा ने लाटू देवता के मंदिर में पूजा अर्चना कर देश, प्रदेश एवं क्षेत्र की खुशहाली की प्रार्थना की. साथ ही मां नंदा और लाटू देवता के भक्तों को कपाट खुलने की बधाई दी. कपाट खुलने के दौरान मंदोली राइडर्स क्लब के कलम सिंह बिष्ट के नेतृत्व में साईकिलर्स बालिकाओं के पर्यावरण बचाने के साथ प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही.

लाटू देवता मंदिर के कपाट खुले

आंख पर पट्टी बांधकर की जाती है पूजा: लाटू धाम के मंदिर के अंदर मुख्य पुजारी कपाट खोलने और बंद करने के दौरान मुंह एवं आंखों में पट्टी बांधते हैं. पट्टी बांधकर ही गर्भगृह में जाकर पूजा अर्चना करते हैं. जहां पूजा करने के बाद गर्भगृह के कपाट को बंद कर दिया जाता है. गर्भगृह के अंदर क्या है? इससे आज भी सभी लोग अनजान हैं.

मान्यता है कि अंदर रखी रहस्यमय वस्तु को जो कोई खुली आंखों से देखेगा, उसका सर्वनाश हो जाएगा. इसी भय के चलते कोई भी इसके अंदर रखी वस्तु को देखने का जोखिम नहीं उठाता है. बताया जाता है कि गर्भगृह के अंदर एक पाथा (पहाड़ी क्षेत्रों में राशन मापने का लकड़ी की बनी वस्तु) को उल्टा रखा गया है. इसी के अंदर कोई रहस्यमयी वस्तु होने का अनुमान है.

संग्राली गांव में पौराणिक भंडाणी मेला

उत्तरकाशी के संग्राली गांव में पौराणिक भंडाणी मेले का समापन:उधर, उत्तरकाशी जिले के वरुणावत पर्वत के शीर्ष पर बसे संग्राली गांव में पौराणिक भंडाणी मेले का आयोजन किया गया. जिसका समापन आज हो गया है. इस दौरान बाड़ाहाट क्षेत्र के आराध्य कंडार देवता के इस धार्मिक अनुष्ठान में ग्रामीणों ने देव डोली के साथ रासो तांदी नृत्य कर क्षेत्र की खुशहाली एवं सुख समृद्धि की कामना की.

दो दिवसीय मेले के समापन के साथ ही कंडार देवता की भोग मूर्ति तीन दिनों के विश्राम के लिए अपने कोठार में चले गए हैं. कंडार देवता मंदिर परिसर में आयोजित इस मेले में पाटा, बग्यालगांव, गंगोरी, लक्षेश्वर, साल्ड, ज्ञाणजा आदि गांवों से भी काफी संख्या में ग्रामीण पहुंचे. इस दौरान देवता की विशेष पूजा-अर्चना के साथ ही पारंपरिक लोकगीत और लोकनृत्यों की धूम रही.

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Last Updated : Apr 23, 2024, 10:53 PM IST

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