लखनऊ: लोकसभा चुनाव में इस बार बहुजन समाज पार्टी को पिछली बार के अपने जीते हुए उम्मीदवारों से बड़ा झटका मिल सकता है. ज्यादातर सांसद अपने लिए नई पार्टियों में जगह खोज रहे हैं. वर्तमान में बसपा के जो 10 सांसद हैं, उनमें से कई सांसदों के दूसरी पार्टियों से चुनाव लड़ने की उम्मीद है. कोई अपने लिए समाजवादी पार्टी को उचित जगह मानते हुए जुगाड़ लगा रहा है तो कोई कांग्रेस पार्टी में अपने लिए टिकट की व्यव्स्था करने में लगा है. भारतीय जनता पार्टी भी बसपा के इन सांसदों की पसंद बनी हुई है. जो सांसद बहुजन समाज पार्टी से इतर अन्य पार्टियों से टिकट की जुगाड़ में लगे हैं, उनमें कई बसपा सुप्रीमो के काफी खास भी हैं.
लोकसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. सभी पार्टियां चुनावी तैयारियों में लगी हैं. भारतीय जनता पार्टी लगातार अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति बनाकर बिसात बिछाने में जुट गई है. देश में विपक्षी दलों को लेकर बन रहे इंडिया गठबंधन में दरार पड़ रही है. हालांकि, अभी भी कई पार्टियां इस गठबंधन का हिस्सा बनी हुई हैं. इनमें उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो कांग्रेस पार्टी के साथ समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ राष्ट्रीय लोक दल खड़े नजर आ रहे हैं.
समाजवादी पार्टी की तरफ से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 11 सीटें देने की घोषणा की गई है, जबकि राष्ट्रीय लोक दल को सात सीटें देने का बहुजन समाज पार्टी ने पहले ही एलान कर रखा है. जहां तक बहुजन समाज पार्टी की बात की जाए तो लोकसभा चुनाव में किसी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं करने की मायावती ने घोषणा की है. बीएसपी अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी. यही वजह है कि बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जो पिछले लोकसभा चुनाव में जीतकर सांसद बने थे, अब उन्हें भी बीएसपी से लड़ने पर हार का खतरा लग रहा है. वह अपने लिए दूसरी पार्टी में जुगाड़ बनाने में जुटे हैं, जिससे इस लोकसभा चुनाव में भी किसी तरह उनकी नैया पर हो जाए. बसपा से छिटक रहे उसके अपने ही सांसदों से बहुजन समाज पार्टी की चिंताएं और बढ़ रही हैं.
इन सांसदों के छिटकने की चर्चा