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थर्ड फेज के चुनाव में नक्सलवाद पर जंग, अमित शाह के दावों और वादों पर सुलगी सियासत - War on Naxalism in Chhattisgarh - WAR ON NAXALISM IN CHHATTISGARH

छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की जंग तेजी होती जा रही है. प्रदेश की राजनीति में नक्सलवाद का मुद्दा हावी होता जा रहा है. बुधवार को अमित शाह ने कोरबा का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने नक्सलवाद पर कांग्रेस को घेरा और दोबारा बीजेपी सरकार के सत्ता में आने पर नक्सल समस्या के समूल नाश की बात कही. इस पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. जिसके बाद छत्तीसगढ़ में सियासी जंग तेज हो गई है

WAR ON NAXALISM IN CHHATTISGARH
नक्सलवाद का मुद्दा

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 1, 2024, 9:34 PM IST

Updated : May 1, 2024, 11:48 PM IST

नक्सलवाद पर सियासी जंग

रायपुर: लोकसभा चुनाव के थर्ड फेज में नक्सलवाद पर सियासी घमासान का दौर जारी है. कोरबा में अमित शाह ने चार महीने में साय सरकार की तरफ से नक्सलियों पर किए गए प्रहार का जिक्र किया. जिसके बाद कांग्रेस ने शाह पर बिना सोचे समझे बोलने का आरोप लगाया है. कांग्रेस झीरम घाटी हमले का जिक्र छेड़ बीजेपी की सत्ता के शासन को याद दिला रही है. जबकि राजनीति के जानकार बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं. राजनीति के जानकार का भी कहना है कि प्रदेश में सरकार चाहे जिसकी भी हो, नक्सल समस्या के समाधान के लिए कदम उठाए गए. लेकिन इस बार भाजपा सरकार जिस तरीके से कार्रवाई कर रही है. उससे सकारात्मक पहल के रूप में देखा जाना चाहिए

शाह ने बघेल सरकार के कार्यकाल पर उठाए सवाल: नक्सल मोर्चे को लेकर अमित शाह ने बघेल सरकार के कार्यकाल को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व की बघेल सरकार में नक्सलवाद को बढ़वा दिया गया. इसके साथ ही अमित शाह ने दावा किया कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को समाप्त कर दिया जाएगा. शाह के इस दावे पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की 15 साल की सरकार में ही झीरम जैसे नक्सली हमले हुए. जिसमें कांग्रेस की फ्रंड लीडरशिप छत्तीसगढ़ में तबाह हो गई. इसलिए बीजेपी के नेता सोच समझकर बयान दें. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कांग्रेस के लड़ने के रिकॉर्ड का मुकाबला बीजेपी नहीं कर सकती है.

साय सरकार में नक्सलियों के खिलाफ तेजी से हो रहा एक्शन: साय सरकार के दौरान नक्सलियों के खिलाफ तेजी से एक्शन हो रहा है. बीते चार महीने को लेकर अमित शाह का दावा है कि सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ में 90 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया है. अमित शाह ने कहा कि भूपेश काका की सरकार थी, वे नक्सलवाद को बढ़ावा देते रहे, हमारी साय सरकार ने 4 महीने में ही 95 लोगों को ढेर करने का काम किया है. 350 लोग अरेस्ट हुए हैं और कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है. हम 2 साल में नक्सलवाद को उखाड़ फेकेंगे

छत्तीसगढ़ में साल 2024 के नक्सल ऑपरेशन का ग्राफ

छत्तीसगढ़ में साय सरकार के दौरान हुए बड़े नक्सल एनकाउंटर

  1. 24 दिसंबर 2023: दंतेवाड़ा में तीन नक्सली हुए ढेर
  2. 27 फरवरी 2024: बीजापुर में 4 नक्सली ढेर
  3. 3 फरवरी 2024: नारायणपुर में 2 नक्सली ढेर
  4. 27 मार्च 2024: बीजापुर में 6 माओवादी मारे गए
  5. 2 अप्रैल 2024: बीजापुर में 13 नक्सली ढेर
  6. 6 अप्रैल 2024: बीजापुर में 3 नक्सली मारे गए
  7. 16 अप्रैल: कांकेर में 29 नक्सलियों का काम हुआ तमाम
  8. 30 अप्रैल: नारायणपुर में 10 नक्सली ढेर

कांग्रेस ने अमित शाह पर किया अटैक: नक्सली घटनाओं और दावों को लेकर कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अटैक किया है. कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि "हर चीज में हल्की राजनीति कोई सीखे तो भाजपा से सीखे. बोलने के पहले सोच लेते, भूपेश काका के बारे में बात कर रहे हैं. एक रमन काका भी थे, रमन काका के कार्यकाल में क्या हुआ था. सब लोग जानते हैं कि पूरे कांग्रेस का नेतृत्व नक्सलियों के हाथ शहीद हो गया. हम लोग बर्बाद हो गए , वह नहीं बोलेंगे रमन काका , आज शायद स्पीकर है बोलने के पहले भाजपा को सोचना चाहिए "

"नक्सलियों के खिलाफ यदि किसी ने सफल अभियान चलाया है, तो कांग्रेस की यूपीए की सरकार ने चलाया है. हमने आंध्र प्रदेश से नक्सलियों का सफाया कर दिया. हमारा जो नक्सलियों से लड़ने का रिकॉर्ड है. उसका मुकाबला वे लोग नहीं कर सकेंगे. इसलिए इनको सोच कर बोलना चाहिए. अपने बड़े भाई की तरह बिना सोचे बोलने लगे हैं, इन्हें भी बीमारी हो गई है": पवन खेड़ा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, मीडिया और पब्लिसिटी विभाग, कांग्रेस

नक्सलवाद पर राजनीतिक जानकार का मत: नक्सल मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जितनी भी सभा में अमित शाह जा रहे हैं. वहां वे नक्सलवाद के खात्मे को लेकर बड़ा बयान दे रहे हैं. पहले वह तीन साल में नक्सलवाद को खत्म करने की बात कहते थे. अब दो साल में नक्सलवाद के समूल नाश की बात कह रहे हैं.

"भाजपा कह रही है कि नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में हम बढ़े हैं, लगातार नक्सली मर रहे हैं, सरेंडर कर रहे हैं. कांग्रेस इस मामले में असफल थी, हालांकि मेरी जानकारी के अनुसार दोनों ही सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर नक्सल समस्या के समाधान के लिए प्रयास किया. कांग्रेस सरकार के समय भी भूपेश बघेल ने कहा था कि हम नक्सलियों से बातचीत के लिए तैयार हैं. संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए नक्सलियों को सामने आना होगा, तभी बातचीत हो पाएगी. वहीं वर्तमान गृहमंत्री विजय शर्मा भी कह रहे हैं कि हम भी नक्सलियों से बातचीत के लिए तैयार हैं": अनिरुद्ध दुबे, वरिष्ठ पत्रकार

क्या विकास के जरिए हो सकता है नक्सलवाद का खात्मा: राजनीति के जानकार अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि "भूपेश सरकार विकास के जरिए नक्सलवाद के अंत की बात करती थी. उस दौरान विकास को लेकर बहुत सारे काम किए गए. काफी सड़कें बनाई गई. वर्तमान की भाजपा सरकार के काम के तरीके की बात की जाए , तो वह आक्रामक है . नक्सलवाद के खिलाफ अभियान चलाने के लिए मार्च अप्रैल का मौसम काफी अच्छा होता है. इसे ध्यान में रखते हुए काफी आक्रामक नीति के तहत भाजपा सरकार नक्सलवाद के खिलाफ चल पड़ी है. जिसमें कई नक्सली मारे गए हैं ,काफी संख्या में आत्मसमर्पण भी हुआ है. इस पूरी प्रक्रिया को सकारात्मक तरीके से देखना चाहिए. ऐसा नहीं है कि 2 साल का अल्टीमेटम है. यह समस्या दो महीने में भी समाप्त हो सकती है. नक्सलियों से वार्ता के जरिए भी इस समस्या का समाधान हो सकता है."

छत्तीसगढ़ के सियासी मुद्दों में नक्सलवाद का मुद्दा काफी समय से चला आ रहा है. सबसे ज्यादा बस्तर का इलाका इससे प्रभावित है. अब देखना होगा कि इस मामले में राजनीति क्या नया रुख लेती है.

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Last Updated : May 1, 2024, 11:48 PM IST

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