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भाजपा को राम लहर और मोदी मैजिक का सहारा, कांग्रेस के सामने साख बचाने की चुनौती - Lok Sabha Elections 2024

Lok Sabha Elections 2024: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने कमर कस ली है. भाजपा राम लहर और मोदी मैजिक के सहारे चुनावी रण में उतरेगी तो वहीं, कांग्रेस ओपीएस और महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह गारंटी योजना को चुनाव में अपना हथियार बनाएगी.

Lok Sabha Elections 2024
Lok Sabha Elections 2024

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 25, 2024, 9:53 AM IST

शिमला: लोकसभा चुनाव में भाजपा चारों सीटों पर राम लहर के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी के मैजिक के सहारे हैं. भाजपा ने ये ऐलान भी कर दिया है कि लोकसभा चुनाव में जनता मोदी की गारंटी पर वोट करेगी. खैर, चार सीटों वाले छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल में सत्ताधारी दल कांग्रेस के सामने साख बचाने की चुनौती है. चुनौती इसलिए कि वीवीआईपी सीट हमीरपुर के तहत सीएम व डिप्टी सीएम का विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आता है. अगर हमीरपुर में नादौन सीट से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व हरोली सीट से डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री बढ़त नहीं दिला सके तो यह उनके लिए दोहरा झटका होगा. इसके अलावा भाजपा के चारों सीटें जीतने के रिकॉर्ड पर ब्रेक लगाने की चुनौती भी कांग्रेस के समक्ष है. ये बात अलग है कि मंडी सीट पर भाजपा के सांसद रामस्वरूप के निधन के बाद उपचुनाव में प्रतिभा सिंह विजयी रही हैं और इस समय हिमाचल में लोकसभा का स्कोर भाजपा के पक्ष में तीन एक है.

भाजपा तैयार, कांग्रेस ने भी कसी कमर

लोकसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा प्रमुख रहेगा. नए साल में 22 जनवरी को अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई. उसमें कांग्रेस सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह, पूर्व विधायक सुधीर शर्मा व राजेंद्र राणा आदि भी शामिल हुए थे. वीरभद्र सिंह के परिवार को तो बाकायदा मंदिर ट्रस्ट की तरफ से न्योता दिया गया था. हिमाचल की आस्थावान जनता के लिए राम मंदिर एक संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दा है. यही कारण है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने बेशक प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया, परंतु हिमाचल कांग्रेस के नेताओं ने 22 जनवरी और उसके बाद तक निरंतर राम नाम का गुणगान किया. यहां तक कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक ही दिन में नौ विभिन्न पोस्टें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर राम नाम के गुणगान को लेकर लिखीं. कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी राम नाम का आसरा लिया. दरअसल, हिमाचल कांग्रेस के नेता ये अच्छी तरह से जानते हैं कि हिमाचल में राम नाम की अवहेलना करके कोई राजनीतिक दल जनता के मन में जगह नहीं बना सकता. ऐसे में ये स्पष्ट है कि राम नाम और राम मंदिर निर्माण का मुद्दा हिमाचल में प्रमुख रहेगा. भाजपा इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर भुनाएगी तो कांग्रेस यही कहेगी कि प्रभु राम किसी दल विशेष की बपौती नहीं है.

पीएम के दूसरे घर में मोदी नाम का मैजिक

भाजपा ने ये स्पष्ट कर दिया है कि लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी का नाम और गारंटियां मुख्य मुद्दा होंगी. भाजपा के नेता अभी से जनता के बीच पीएम नरेंद्र मोदी के दस साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर पहुंच रहे हैं. भाजपा के कार्यकर्ता आधारभूत ढांचे और विकास के कार्यों सहित विदेश नीति आदि की उपलब्धियां वोटर्स के बीच लेकर जाने लगे हैं. भावनात्मक रूप से पीएम नरेंद्र मोदी के हिमाचल को दूसरा घर बताने के बयानों को भी प्रचारित किया जाएगा. ये बात अलग से देखने की है कि सोशल मीडिया क्रांति के इस दौर में ऐसे भावनात्मक मुद्दे कितना असर डालेंगे.

कांग्रेस की आस OPS, महिलाओं को 1500 की गारंटी

हिमाचल कांग्रेस का फोकस स्थानीय स्तर के मुद्दों पर अधिक रहेगा. इनमें ओपीएस व महिलाओं को 1500 की गारंटी प्रमुख हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ने महंगाई व बेरोजगारी को मुद्दा बनाने की ठानी है. हिमाचल में राज्यसभा सीट पर हार के बाद एक नया मुद्दा कांग्रेस के लिए उभरा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व उनकी टीम भाजपा पर निरंतर इस बात को लेकर हमला बोल रही है कि उसने धनबल का सहारा लेकर नेताओं को खरीदा है. सीएम के सोशल मीडिया पन्ने पर इस मुद्दे को लेकर लगातार पोस्टें आ रही हैं. कांग्रेस जनता को बताएगी कि कैसे भाजपा ने खरीद-फरोख्त की राजनीति को बढ़ावा दिया है.

आंतरिक कलह कांग्रेस के लिए खतरा

विषयांतर करें तो कांग्रेस के लिए आंतरिक कलह भी चुनाव में हानिकारक बनेगी. पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर चुकी हैं. संगठन व सरकार में तनातनी कोई नई बात नहीं है. 40 विधायकों सहित 3 निर्दलीय विधायकों के प्रचंड बहुमत वाली सरकार को राज्यसभा चुनाव ने जोर का झटका दिया है. ऐसे में लोकसभा चुनाव की डगर कांग्रेस के लिए कठिन ही कही जाएगी.

हिमाचल में लोकसभा और विधानसभा चुनाव

वरिष्ठ मीडिया कर्मी नवनीत शर्मा का कहना है कि लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव में हिमाचल के संदर्भ में फर्क है. ये सही है कि लोकसभा चुनाव में जनता केंद्र की सरकार की परफॉर्मेंस को देखती है. इन परिस्थितियों में भाजपा का पलड़ा कांग्रेस के मुकाबले भारी है. भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल का कहना है कि देश ही नहीं विश्व के बड़े नेता भी ये मानते हैं कि मोदी की गारंटी में दम है. केंद्र सरकार के दस साल के कार्यकाल में हुए कार्यों पर जनता मुहर लगाएगी और हिमाचल भाजपा चारों सीटें पीएम नरेंद्र मोदी की झोली में डालेगी. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कहना है कि पार्टी चुनाव के लिए तैयार है और कार्यकर्ता भरपूर मेहनत के लिए कमर कस चुके हैं. देखना है कि हिमाचल में 4 जून को चार सीटों पर क्या परिणाम आता है.

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