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Exit Poll कुछ भी कहता हो इन 8 नेताओं की जीत तो पक्की, लड़ाई बस मार्जिन की है - UP Lok Sabha Election 2024 - UP LOK SABHA ELECTION 2024

लोकसभा चुनाव 2024 के सातों चरण का मतदान पूरा हो गया. अब 4 जून को मतगणना और नतीजों का इंतजार है. इस बीच विभिन्न संस्थानों की ओर सो जारी एग्जिट पोल चाहे कुछ भी कहते हों, लेकिन यूपी में कुछ सीटें ऐसी हैं जहां पर जीत पहले से तय है. इन सीटों पर बस जीत के अंतर की लड़ाई है. आईए जानते हैं ये सीटें नेता कौन हैं.

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यूपी के वो चेहरे जिनकी जीत पक्की मानी जा रही. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 1, 2024, 7:10 PM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 का मतदान आज संपन्न हो गया. मतदाताओं ने इस बार बंपर वोटिंग की है. मतदान पूरा होते ही विभिन्न निजी संस्थानों की ओर सो एग्जिट पोल जारी किए गए हैं. ये चाहे कुछ भी कहते हों लेकिन, यूपी के 8 नेता ऐसे हैं जिनकी जीत पक्की है.

इनकी लड़ाई तो बस मार्जिन यानी जीत के अंतर की है. 4 जून को इसका पता चलेगा कि कौन कितने मार्जिन से जीता. जीत पक्की वाले नेताओं में भाजपा और NDA से पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हेमा मालिनी, स्मृति ईरानी और अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल शामिल हैं. जबकि INDI गठबंधन कांग्रेस से राहुल गांधी और सपा से अखिलेश यादव व डिंपल यादव शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव में खड़े हैं. वह पिछले दो चुनाव से लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं. इस बार वह हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ा है. 2019 के चुनाव में तो उन्होंने अपने विरोध में खड़े सभी लोगों की जमानत जब्त करवा दी थी. इस बार भाजपा ने मोदी के लिए 10 लाख से अधिक वोट का लक्ष्य रखा था. अब 4 जून को देखना होगा कि मोदी वो लक्ष्य पा पाते हैं या नहीं.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ संसदीय सीट से इस बार भी चुनावी मैदान में हैं. राजनाथ भी इस बार हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. उन्होंने इस बार 5 लाख से अधिक वोट पाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए भाजपा कार्यकर्ता समेत उन्होंने खुद जी-तोड़ मेहनत की. अब 4 जून को पता चलेगा कि उनकी मेहनत कितनी सफल होती है.

हेमा मालिनीभी लगातार तीसरी बार मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. अभिनेत्री से नेता बनीं हेमा मालिनी अपने 10 साल में कराए गए विकास कार्यों के बलबूते हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. अब देखना होगा कि 4 जून को उनकी हैट्रिक लगती है या नहीं.

अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से इस बार चुनाव मैदान में हैं. पिछले चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव जीते थे लेकिन, विधानसभा चुनाव 2022 में विधायक बनने के बाद उन्होंने संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उनके सामने भाजपा के सुब्रत पाठक हैं जो टक्कर तो कड़ी दे रहे हैं लेकिन, अखिलेश और उनके बीच कितना मार्जिन रहेगा ये तो 4 जून को मतगणना के बाद ही पता चलेगा.

डिंपल यादव इस बार मैनपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. 2022 में मुलायम सिंह के निधन के बाद डिंपल यादव यहां हुए उपचुनाव में जीती थीं. वैसे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज सीट से चुनाव लड़ा करती थीं. 2019 में उनको कन्नौज में सुब्रत पाठक ने हार का स्वाद चखाया था. वैसे मैनपुर सीट को सपा का गढ़ माना जाता है. यहां से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव चुनाव जीता करते थे.

अनुप्रिया पटेल अपना दल सोनेलाल की अध्यक्ष हैं. वह मिर्जापुर लोकसभा सीट से लगातार दो बार से सांसद चुनी जा रही हैं. इस बार भी वे मिर्जापुर से ही चुनाव लड़ रही हैं और हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. वैसे, यदि मिर्जापुर के इतिहास की बात करें तो यहां से आज तक किसी नेता की हैट्रिक नहीं लगी है. अनुप्रिया पटेल हैट्रिक लगाने वाली पहली नेता होंगी.

राहुल गांधी इस बार रायबरेली सीट से चुनाव मैदान में हैं. रायबरेली से अभी तक राहुल गांधी की मां और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव लड़कर जीतती आ रही थीं. लेकिन, इस बार वे मैदान में नहीं उतरीं और अपने बेटे को उतारा है. राहुल गांधी वैसे यूपी में अमेठी और केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ते आए हैं. इस बार भी वे वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं. अमेठी में पिछले चुनाव में स्मृति ईरानी से हार मिली थी. माना जा रहा है कि इसी के चलते वे कांग्रेस के लिए सुरक्षित सीट रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं.

स्मृति ईरानी केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हैं और 2019 में अमेठी से सांसद चुनी गई थीं. उन्होंने कांग्रेस के राहुल गांधी को यहां से हराया था. वैसे, 2014 के चुनाव में राहुल ने स्मृति ईरानी को करारी शिकस्त दी थी. इसका बदला उन्होंने 2019 के चुनाव में लिया और राहुल गांधी को हराया था. उनके सामने कांग्रेस के केएल शर्मा हैं, जो सोनिया गांधी के निजी सचिव रहे हैं. अब 4 जून को ये पता चलेगा कि शर्मा जी ने स्मृति ईरानी को कितनी चुनौती दी.

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