पश्चिम चंपारण( बगहा):2024 के लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है. इसके साथ ही सियासी दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. राज्य की 40 लोकसभा सीटों पर जीत का परचम फहराने के दावे के साथएनडीएऔर महागठबंधन के नेता मैदान में उतर चुके हैं. इसके साथ ही लोकसभा सीटों के सियासी समीकरण की चर्चा भी जोर पकड़ चुकी है. इसी क्रम में आज हम आपको वाल्माकि नगर लोकसभा सीट का सियासी इतिहास और समीकरण बताने जा रहे हैं, जहां इस बार 25 मई को वोटिंग होगी.
वाल्मीकि नगर सीट का इतिहासः:2008 में हुए परिसीमन से पहले वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट को बगहा के नाम से जाना जाता था. नया संसदीय क्षेत्र बनने के बाद वाल्मीकिनगर में एक उपचुनाव सहित चार बार लोकसभा के चुनाव हो चुके हैं. सभी चार चुनावों में एनडीए का ही कब्जा रहा है, जिसमें तीन बार जेडीयू के उम्मीदवार ने जीत हासिल की तो 2014 में बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत का परचम लहराया था.
NDA Vs INDI गठबंधन में मुकाबला:इस बार लोकसभा चुनाव में वाल्मीकि नगर सीट पर NDA और INDI गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर के आसार हैं. हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि वाल्मीकिनगर के सियासी दंगल में कौन-कौन पहलवान दो-दो हाथ करेंगे. बात NDA की करें तो ये सीट एक बार फिर से जेडीयू के खाते में आ गयी है, वहीं INDI गठबंधन की ओर से यहां कांग्रेस की दावेदारी मजबूत है.
NDA की तरफ से कई दावेदारः इस सीट से जेडीयू के वर्तमान सांसद सुनील कुमार कुशवाहा का दावा सबसे मजबूत दिख रहा है. हालांकि जेडीयू के दो बड़े नेता एमएलसी भीष्म सहनी और वाल्मीकिनगर विधानसभा के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह की उम्मीदवारी की चर्चा भी जोर पकड़ रही है.इसके अलावा बीजेपी के सतीश चंद्र दुबे, दीपक यादव और आरएसएस कार्यकर्ता दिनेश अग्रवाल भी बड़े दावेदार थे लेकिन अब ये सीट जेडीयू के खाते में चली गयी है.
INDI गठबंधन से प्रवेश मिश्र की चर्चाः2009 के चुनाव को छोड़ दें तो कांग्रेस लगातार इस सीट पर दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. ऐसे में कांग्रेस के पिछले उम्मीदवार और उपविजेता रहे प्रवेश मिश्र को एक बार फिर मौका मिल सकता है. फिलहाल इस सीट से कांग्रेस की ओर से और कोई बड़ा दावेदार सामने नहीं आया है.
वाल्मीकि नगर लोकसभा सीटःः 2009 से अब तक : इस सीट पर 2009 में हुए पहले चुनाव में NDA प्रत्याशी के तौर पर जेडीयू के बैजनाथ महतो ने निर्दलीय फखरुद्दीन को हराकर जीत दर्ज की. 2014 में बीजेपी और जेडीयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, जिसमें बाजी बीजेपी के हाथ लगी. पार्टी के उम्मीदवार सतीश चंद्र दुबे ने कांग्रेस के पूर्णमासी राम को पटखनी दी. 2019 में एक बार फिर जेडीयू ने NDA के बैनर तले चुनाव लड़ा और तब जेडीयू के बैजनाथ महतो ने कांग्रेस प्रत्याशी केदार शाश्वत को हराया. 2020 में बैजनाथ महतो का देहांत हो गया लिहाजा उपचुनाव कराना पड़ा, जिसमें बैजनाथ महतो के पुत्र और जेडीयू उम्मीदवार सुनील कुमार कुशवाहा ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रवेश मिश्र को हराया.