बस्ती :उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी ने राम प्रसाद चौधरी को बस्ती से उम्मीदवार घोषित किया है. रामप्रसाद चौधरी का अच्छा खासा राजनीतिक इतिहास रहा है. रामप्रसाद चौधरी कप्तानगंज विधानसभा से 1993 से लेकर 2012 तक लगातार पांच बार विधायक रहे और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे, लेकिन 2017 में उनको हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रप्रकाश शुक्ला से मुंह की खानी पड़ी थी.
एक बार सांसद भी रहे :रामप्रसाद चौधरी ने विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा में चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई. जब बस्ती जिला मंडल नहीं था तो वह एक बार सांसद थे, लेकिन जब बस्ती जिले का विभाजन हुआ और मंडल बना तो उन्होंने 2014 में बसपा के टिकट से चुनाव लड़ा, जिसमें वह तीसरे नंबर पर रहे. राम प्रसाद चौधरी का बसपा से पुराना नाता रहा है और वह कई बार विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट से ही लड़े और जीते भी, लेकिन 2019 में बसपा ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया था. इसके बाद उन्होंने सपा के टिकट से लोकसभा में अपनी किस्मत आजमाई, जिसमें वह भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए दूसरे स्थान पर रहे.
बस्ती की पांचों विधानसभा सीट जिताने की मिली थी जिम्मेदारी :2022 में हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने रामप्रसाद चौधरी को बस्ती की पांचों विधानसभा सीट जिताने के लिए उन्हें जिम्मेदारी दी, जिस पर वह खरे भी उतरे. उन्होंने जिले की पांच में से चार सीटों पर पार्टी प्रत्याशी व समर्थित उम्मीदवार की जीत पक्की करने में अहम भूमिका निभाई थी. रामप्रसाद चौधरी के इसी करिश्मे के चलते पिछले साल अखिलेश यादव ने उनका राजनीतिक कद बढ़ाते हुए उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव भी बना दिया था. इसके बाद यह माना जा रहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी रामप्रसाद चौधरी पर ही अपना दांव खेलेगी जोकि सच भी हो गया. सपा ने बस्ती लोकसभा सीट से अपना कैंडिडेट घोषित भी कर दिया है.
राम प्रसाद चौधरी का राजनीतिक इतिहास :रामप्रसाद चौधरी यूपी के बड़े राजनीतिज्ञ और उत्तर प्रदेश की 9वीं लोकसभा सहित, 12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं और 16वीं विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. वह उत्तर प्रदेश के कप्तानगंज निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पांच बार कर चुके हैं और वर्तमान में समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं. उन्होंने इससे पहले मायावती कैबिनेट (1997) में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कल्याण सिंह सरकार में कपड़ा और रेशम उद्योग मंत्री (1997) और मायावती में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री के रूप में भी कार्य किया है.