चंडीगढ़: वैसे तो हरियाणा में 25 मई को लोकसभा चुनाव 2024 है. लेकिन, मिशन 2024 में जुटी बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है शायद यही वजह है कि पार्टी ने मैराथन मंथन के बाद हरियाणा में आखिरकार सभी 10 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिया है. उम्मीदवार फाइनल होने के साथ ही पार्टी आगामी रणनीति तैयार करने में जोर-शोर से जुटी है. ऐसे में आज हम आपको बताने जे रहे हैं उन सभी 10 उम्मीदवारों के बारे में जिन पर पार्टी ने क्लीन स्वीप के लिए दांव खेला है.
करनाल लोकसभा सीट से मनोहर लाल: 13 मार्च को भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा की 6 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया था. इस लिस्ट में बीजेपी ने हरियाणा के 2 बार सीएम रहे मनोहर लाल को करनाल से टिकट देकर सबको चौंका दिया था. पार्टी ने करनाल के मौजूदा सांसद संजय भाटिया की टिकट काट कर मनोहर लाल को प्रत्याशी बनाया.
कुरुक्षेत्र से BJP उम्मीदवार नवीन जिंदल कौन हैं?:रविवार, 24 मार्च को हरियाणा की राजनीति में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब नवीन जिंदल ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी में शामिल होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार घोषित कर दिया. बीजेपी के इस फैसले से हर कोई हैरान रह गया.
देश के बड़े उद्योगपतियों की लिस्ट में नवीन जिंदल का नाम: नवीन जिंदल 2 बार कुरुक्षेत्र से सांसद रह चुके हैं. नवीन जिंदल उद्योगपति और नेता ओमप्रकाश जिंदल के बेटे हैं. ओम प्रकाश जिंदल हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं और 11वीं लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं. नवीन जिंदल की बात करें तो उनका नाम देश के बड़े उद्योगपतियों की लिस्ट में शामिल है. नवीन जिंदल, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही उन्हें इंडियन स्टील एसोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना जा चुका है. वे ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चांसलर भी हैं.
कौन हैं रोहतक से बीजेपी उम्मीदवार अरविंद शर्मा:भारतीय जनता पार्टी ने रोहतक से मौजूदा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा पर एक बार फिर से भरोसा जताया है. बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में अरविंद शर्मा ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को करीब 7 हजार वोटों से मात दी थी. अरविंद शर्मा ने अपना पहला लोकसभा चुनाव साल 1996 में सोनीपत लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा और इस चुनाव में अरविंद शर्मा विजयी भी हुए थे. वहीं, साल 1998 में उन्हें इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उन्होंने करनाल लोकसभा सीट पर अपना दावा ठोका. साल 2004 लोकसभा चुनाव में अरविंद ने कांग्रेस की सीट पर यहां से चुनाव लड़ा और 1.5 लाख वोटों से जीत हासिल की. वहीं, 2009 लोकसभा चुनाव में अरविंद शर्मा ने एक बार फिर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और करीब 50,000 वोटों से जीत हासिल की. वहीं, 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी अश्विनी कुमार चोपड़ा ने उन्हें करीब 3.5 लाख वोटों से हराया. इसके बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे.
सिरसा से अशोक तंवर चुनावी मैदान में: सिरसा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काट कर पार्टी ने अशोक तंवर को टिकट दिया है. अशोक तंवर ने कुछ दिन पहले ही आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सिरसा लोकसभा सीट पर अशोक तंवर की अच्छी पैठ है. लिहाजा चुनाव में पार्टी को इसका लाभ मिल सकता है.
फरीदाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर: भारतीय जनता पार्टी ने फरीदाबाद लोकसभा सीट पर इस बार कृष्णपाल गुर्जर पर तीसरी बार भरोसा जताया है. पार्टी ने कृष्णपाल गुर्जर को तीसरी बार लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है. बता दें कि कृष्णपाल गुर्जर का जन्म 4 फरवरी 1957 को फरीदाबाद के मेवला महाराजपुर गांव में हुआ. उन्होंने 1978 में जवाहरलाल नेहरू कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की और फिर मेरठ विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री के बाद 1992 में बीजेपी में शामिल हुए. उनके कार्य को देखते हुए पार्टी ने उन्हें प्रदेश सचिव बनाया. कृष्णपाल गुर्जर 2008 में हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद 2009 में तिगांव विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए. मोदी लहर में साल 2014 में लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद लोकसभा सीट से 4 लाख 66 हजार वोटों से जीत कर सांसद बने. कृष्णपाल गुर्जर 2014 में मोदी सरकार में सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी राज्य मंत्री बने. वहीं, 9 नवंबर 2014 को कृष्णपाल गुर्जर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री बने. 2019 में लोकसभा चुनाव में कृष्णपाल गुर्जर ने अपनी पिछली जीत का रिकॉर्ड तोड़ते हुए फरीदाबाद लोक सभा सीट से सांसद बने.