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राजस्थान की कमजोर सीटों पर मोदी-शाह की नजर, 'चाणक्य' ने बनाई ये खास रणनीति - Lok Sabha Election 2024

BJP Strategy in Rajasthan, 'मिशन 25' में जुटी भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पार्टी कार्यकर्ताओं से जीत का मंत्र मिला है. शाह ने अपने दो दिन की राजस्थान कैंप के दौरान पार्टी नेताओं से न केवल फीडबैक लिया, बल्कि कमजोर सीटों पर किस तरह से राजनीतिक समीकरण बनाना है, उसका भी मंत्र दिया.

LOK SABHA ELECTION 2024
LOK SABHA ELECTION 2024

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 1, 2024, 3:39 PM IST

भाजपा के राजनीतिक चाणक्य ने दिया मिशन 25 फतह का मंत्र

जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणभेरी बज चुकी है. बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले प्रमुख नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा के चुनावी प्रचार प्रसार अभियान का आगाज भी कर दिया है. अमित शाह अपने दो दिन के राजस्थान दौरे के दौरान न केवल रोड शो किया, बल्कि अलग-अलग स्तर पर प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके 'मिशन 25' के फतेह के लिए मंत्र भी दिया.

अमित शाह ने जिस तरह से अलग-अलग क्लस्टर के साथ बैठक की उससे यह साफ है कि प्रदेश की जो कमजोर सीटों पर मोदी-शाह की विशेष नजर है और इन सीटों के लिए विशेष प्लान भी तैयार किया जा रहा है. इतना ही नहीं अमित शाह के बाद अब कल यानी 2 अप्रैल को पीएम मोदी जयपुर ग्रामीण की लोकसभा क्षेत्र के कोटपूतली में जनसभा के जरिए हुंकार भरेंगे.

कमजोर सीटों पर मोदी-शाह की विशेष नजर : वैसे तो राजस्थान में बीजेपी अपने विजय रथ अभियान को जारी रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है. पार्टी के प्रदेश से लेकर केंद्र नेताओं तक लगातार मिशन 25 के लक्ष्य को भी लगातार दोहराया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से करीब आधा दर्जन ऐसी सीटें हैं, जहां पर बीजेपी उनको लेकर चिंतित है. खास बात है कि इन कमजोर सीटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की सीधी नजर है. इन सीटों पर जीत के लिए अलग तरह की रणनीति भी तैयार की जा रही है. इन सीटों पर अमित शाह और मोदी सीधी रिपोर्ट ले रहे हैं. अगले चुनावी कैंपेन में इन कमजोर सीटों पर मोदी और शाह के जायदा रोड शो और सभा करने की रणनीति है. इसकी शुरुआत इन दो दिनों में अमित शाह ने कर दी है.

राजस्थान की कमजोर सीटों पर मोदी-शाह की नजर...

इन सीटों पर चुनौती : कमजोर सीटों की बात करें तो राजस्थान में जैसलमेर-बाड़मेर से भाजपा समर्थित निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी के निर्दलीय के रूप में लोकसभा उम्मीदवार के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद यह सीट बीजेपी के लिए चुनौती वाली बन गई है. इसी तरह से शेखावाटी की चूरू और सीकर लोकसभा सीट भी बीजेपी के मिशन 25 में कांटों भरी दिख रही है. सीकर से कांग्रेस माकपा से गठबंधन कर हॉट सीट बना दिया है.

पढ़ें :राजस्थान के रण में भाजपा ने 5, कांग्रेस ने 3 महिलाओं को बनाया प्रत्याशी, किसी भी सीट पर महिलाएं आमने-सामने नहीं - Lok Sabha Elections 2024

वहीं, चूरू से भाजपा ने सांसद को कांग्रेस ने प्रत्याशी बना कर मैदान में उतार दिया है. इतना ही नहीं, डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर बीएपी ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा रखी है तो दौसा में पार्टी को अपने ही नेताओं की आंतरिक नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, नागौर लोकसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा की कड़ी टक्कर से ये सीट चर्चा में है. इसके साथ बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर भाजपा समर्थित निर्दलीय विधायक रविन्द्र भाटी ने लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर मुकाबले को त्रिकोणीय कर दिया है.

एक मीटिंग के दौरान अमित शाह

शाह का दो दिन का कैंप : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दो दिन राजस्थान में कैंप कर चुनावी रणनीति पर काम किया. शाह ने इस दौरान राजस्थान में इस बार सभी 25 लोकसभा सीटों पर विजयी होकर हैट्रिक बनाने के साथ जीत का मार्जिन 2014-19 के लोकसभा चुनावों से कहीं ज्यादा रखने का संदेश दिया. अमित शाह ने साफ कहा कि प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, अनुच्छेद 370 हटाना, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण और ट्रिपल तलाक जैसे कानून बनाकर मोदी सरकार ने समाज में मिसाल कायम की है. इसलिए इस बार भाजपा 370 और एनडीए 400 पार करेगी.

शाह की बैठक के बाद से पार्टी में नई ऊर्जा से उत्पन्न हुई है. शाह की रणनीति के अनुसार अब पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता और पन्ना प्रमुख को जिम्मेदारी दी जा रही है. इस बार लोकसभा चुनाव में 15 प्रतिशत ज्यादा मार्जिन से जीतने का लक्ष्य तय किया जा रहा है. इसके लिए बूथ प्रबंधन मजबूत करना होगा, साथ ही शक्ति केंद्र प्रभारियों और पन्ना प्रमुखों से लेकर हर कार्यकर्ता की चुनाव में भागीदारी सुनिश्चित होगी.

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