वैशाली: बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुए कई साल बीत गए, लेकिन सरकार और पुलिस इस कानून को सख्ती से पालन कराने में विफल रही है. दूसरे प्रदेशों से शराब की बड़ी खेप लगातार बिहार पहुंच रही है. ताजा मामला वैशाली के हाजीपुर औद्योगिक थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां मूंगफली और चिप्स की आड़ में छुपाया गया 950 कार्टन विदेशी शराब बरामद किया गया.जिसकी बाजार में कीमत 70 लाख के करीब आंकी जा रही है. पुलिस ने दो ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार किया है.
वैशाली में शराब बरामद: दरअसल, पटना सीआईडी को गुप्त सूचना मिली थी कि शराब की बड़ी खेप पंजाब से बिहार में पहुंची है. वैशाली के हाजीपुर औद्योगिक थाना क्षेत्र से एक ट्रक शराब के साथ पकड़ा गया है. पुलिस ने दो चालकों को भी गिरफ्तार किया गया है. ट्रक पंजाब से होते हुए हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र लाया गया था. जहां 70 लाख की शराब बरामद की गई.
"दो ड्राइवर को पकड़े गये हैं. इंडसट्रियल एरिया में शराब कारोबारी अपना शराब बेचने के फिराक थे. जहां छापेमारी की गई. जिसमें सीआईडी की टीम भी आई थी. तस्कर मूंगफली चिप्स की आड़ में लगभग 945 कार्टन विदेशी शराब छुपाकर लाया गया था. स्कैन से बचने के लिए ट्रक में तहखाना बनाया गया था. शराब पंजाब से लायी जा रही थी."- संजीव कुमार थाना अध्यक्ष औद्योगिक थाना
स्कैन से बचने के लिए तहखाना:दूसरे राज्यों से आने वाले ट्रकों का कई बार एक्साइज विभाग द्वारा स्कैन किया जाता है. जिसमें स्कैन में पता चल जाता है कि शराब है. शराब माफियाओं ने नया तरकीब निकला है. ट्रक में बने डाले के दोनों साइड लकड़ी की दीवार खड़ी कर सफेद पेंट लगा दी. जिससे स्कैन में शराब की बोतल पकड़ में नहीं आती है. शराब माफिया आराम से शराब लगी गाड़ियों को दूसरे राज्यों से बिहार ले आते हैं.
शराब लदे ट्रक को छोड़ने का नया फार्मूला: शराब माफियाओं ने ट्रक सहित शराब की डिलेवरी का नया फार्मूला निकाला है. इस फार्मूला के तहत एक ट्रक पर दो चालाक होते हैं. ट्रक चालक को दी गई जानकारी के मुताबिक बताए गए जगह पर जाकर ट्रक को छोड़ देना होता है. फिर दूसरे ट्रांसपोर्ट से ट्रक चालक वापस आ जाते हैं. वहीं ट्रक अनलोड होने के बाद बिहार के चालक द्वारा ट्रक को वापस भेजा जाता है. सूत्रों की माने तो दरअसल इसके पीछे लॉजिक यह है कि स्थानीय शराब माफिया के खास ट्रक चालक माफियाओं के गुप्त ठिकानों तक ट्रक को लेकर जाते हैं जिससे अगर कभी बाहर के ट्रक चालक पकड़े भी गए तो उनके पास यह जानकारी नहीं होती है की किस ठिकाने पर ट्रक को पहुंचाया गया है.
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