पानीपत: अपनी पड़ोसी महिला के साथ झगड़ा होने पर उसके चार महीने के बच्चे को तेजाब पिलाकर मौत के घाट उतारने वाली महिला को पानीपत जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अतिरिक्त दोषी महिला को 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना ना देने पर महिला को चार महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. 16 गवाहों की गवाही के बाद एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉक्टर एनके सिंघल ने ये फैसला सुनाया है.
21 जून 2021 को उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो प्रवासी परिवारों की महिला कांता और लक्ष्मी की पानी को लेकर आपस में कहासुनी हो गई थी. जिसके चलते शहजहांपुर जिले के गांव पुनियानी निवासी लक्ष्मी ने इस वारदात को अंजाम दिया था. बाद में उसी दिन मामला शांत हो गया. 22 जून को कामता जब पानी लेने के लिए नीचे गई तो पीछे से लक्ष्मी ने उसके कमरे में घुसकर कामता के चार महीने के बेटे हर्षित को तेजाब पिला दिया.
कांता जब वापस लौटी तो उसने लक्ष्मी को अपने कमरे से निकलते हुए भी देख लिया था. जब कांता कमरे में पहुंची तो उसके बच्चे हर्षित के मुंह से झाग निकल रहे थे. बच्चे को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. कुछ दिन इलाज के बाद बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. लेकिन बाद में बच्चे की मौत हो गई थी.
बच्चे की मां कांता और पिता विनोद ने मामले की शिकायत सिटी थाना पुलिस को दी. पुलिस ने शिकायत के आधार पर एफएसएल के साथ मिलकर कांता के कमरे से सबूत जुटाए और तेजाब का भी सैंपल लिया. कुछ समय बाद आरोपी लक्ष्मी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और तेजाब की बोतल भी बरामद कर ली. जब पुलिस ने लक्ष्मी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सब कुछ कबूल कर लिया. उसने पुलिस को बताया था कि कांता को सबक सिखाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस ने मजबूत तथ्य और सबूत कोर्ट में पेश किए, जिसके आधार पर अदालत ने उसे दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई.
ये भी पढ़ें- छोटे बच्चों में लड़ाई, बदला लेने के लिए मां ने 4 माह के मासूम को पिलाया तेजाब, अस्पताल में मौत