गिरिडीह: सात वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में दो बालकों को आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपये अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया है. जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सह चिल्ड्रेन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश गोपाल पाण्डेय की अदालत ने सोमवार को डुमरी थाना क्षेत्र के छोटकी बेरगी गांव निवासी खीरो साव के हत्या मामले में दोषी दो बालकों के सजा के बिंदुओं पर सुनवाई की.
अदालत ने भादवि की धारा 302/149 में आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार अर्थ दण्ड की सजा सुनाया है. इसके अलावा भादवि की धारा 148 में दो साल कारावास, 323/149 में एक साल तथा 504/149 में एक साल की सजा सुनाया है. अर्थ दण्ड की राशि जमा नहीं करने पर दोनों बालकों को एक-एक साल अतिरिक्त सश्रम कारावास का दण्ड भुगतान पड़ेगा.
क्या है मामला
यह मामला डुमरी थाना कांड संख्या 63/2017 से संबंधित है. मामले की प्राथमिकी मृतक खीरो साव के पुत्र पूरन साव की शिकायत पर दर्ज की गई थी. घटना 27 जुलाई 2017 की रात लगभग 9 बजे की थी. पूरन ने दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा था कि वे लोग घर में खाना खा रहे थे. इसी बीच अचानक गांव के घनश्याम साव, महादेव साव, तुलसी साव, जगरनाथ साव, प्रसाद साव, सुरेश साव, उमेश साव समेत दो अन्य बालक उसके घर के सामने आकर गाली-गलौज करने लगे. इस पर उसके पिता खीरो साव घर से बाहर निकले और गाली-गलौज करने से मना किया तो सभी मिलकर लाठी, फरसा, कुल्हाड़ी आदि से उसके पिता पर वार करने लगे.
सुरेश साव ने उसके पिता के माथे पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया जिससे उसके पिता का सर फट गया. वहीं वह अपने भाई धनेश्वर साव एवं पुत्र सीताराम साव के साथ जब घर से बाहर निकले तो वे लोग उन लोगों पर भी हमला कर दिया. उसका भी माथा फट गया. साथ ही घनश्याम साव के द्वारा उसके हाथ में लाठी से मारने से उसका हाथ टूट गया. घटना के बाद चारों को इलाज के लिए डुमरी रेफरल असपताल लाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद पिता खीरो साव की चिंताजनक हालत को देखते हुए उन्हें धनबाद रेफर कर दिया गया. बाद में धनबाद से उनके पिता को रांची रेफर कर दिया गया. रांची में 14 अगस्त 2017 को उसके पिता का इलाज के दौरान मौत हो गयी.
सात लोगों पर अलग से चल रहा मुकदमा