नई दिल्ली. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की खस्ता हालत और वहां मरीजों को हो रही परेशानियों पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज से श्वेत पत्र लाने का सुझाव दिया है. उपराज्यपाल ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को इस संबंध में पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने पहले तो जिक्र किया कि दिल्ली सरकार के हेडगेवार आरोग्य संस्थान तथा चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते मरीज परेशान हैं. मरीज अस्पताल आकर लौट रहे हैं, इस संबंध में वह चाहते थे कि मुख्यमंत्री से सीधे संवाद करें. लेकिन मौजूदा स्थिति में ऐसा हो नहीं सकता, इसलिए वह सीधे पत्र लिख रहे हैं.
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एलजी ने स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को लिखा है कि बीते एक सप्ताह के दौरान इस संबंध में वह बात करना चाहते थे. मीटिंग के लिए सूचित भी किया गया था लेकिन वह बातचीत के लिए नहीं पहुंचे. उपराज्यपाल ने कहा है कि यह गलत परंपरा विकसित हो रही है कि सभी नाकामी का आरोप सीनियर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा दिया जाए. अगर सही में कोई अधिकारी अनुशासन का पालन नहीं कर रहा है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है. वह कार्रवाई तभी हो सकती है जब नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की मीटिंग बुलाई जाए.
इस अथॉरिटी के अधीन ही अधिकारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और कार्रवाई करने का अधिकार है. इस ऑथोरिटी के मुखिया मुख्यमंत्री हैं लेकिन नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की मीटिंग मुख्यमंत्री ने बीते 6 महीना में नहीं बुलाई है. अगर यह मीटिंग नियमित होती तो अधिकारियों के तबादले और कार्रवाई से संबंधित कई फैसले ले लिए गए होते.
प्रशासनिक कार्यों की कमी और गलत फैसला आदि लेने का आरोप अधिकारियों पर लगाना सही नहीं- एलजी