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राजकुमार आनंद के इस्तीफे को LG वीके सक्सेना ने किया स्वीकार, अंतिम निर्णय के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा - Rajkumar Anand resignation accepted

Rajkumar Anand resignation accepted: दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने राजकुमार आनंद के इस्तीफे को स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति के पास भेज दिया है. जानिए अब उनके अंतर्गत आने वाले विभागों का क्या होगा...

राजकुमार आनंद
राजकुमार आनंद (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 3, 2024, 4:26 PM IST

Updated : Jun 3, 2024, 4:41 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री राजकुमार आनंद के इस्तीफे को उपराज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कानून के मुताबिक, राजकुमार आनंद का इस्तीफा राष्ट्रपति के पास अंतिम निर्णय के लिए भेज दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अंतिरम जमानत पर जेल से बाहर होने के दौरान किए एकमात्र आधिकारिक संचार में एक महीने और 20 दिन के बाद मंत्री राजकुमार आनंद के इस्तीफे को स्वीकार करने की सिफारिश उपराज्यपाल को की थी. वहीं केजरीवाल अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद रविवार शाम तिहाड़ जेल चले गए हैं.

राजकुमार आनंद ने 10 अप्रैल, 2024 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और केजरीवाल ने 31 मई को उनके इस्तीफे को स्वीकार करने की सिफारिश की. आनंद नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे. जब केजरीवाल 21 दिनों के लिए जमानत पर बाहर थे, तब उन्होंने एमसीडी में मेयर चुनाव से संबंधित फाइल को उपराज्यपाल को नहीं भेजा, मेयर चुनाव इस कारण लंबित है.

गौरतलब है कि राजकुमार आनंद के इस्तीफे को स्वीकार करने की उपराज्यपाल को की गई इस सिफारिश के साथ, एससी/एसटी कल्याण, समाज कल्याण, सहकारिता और गुरुद्वारा चुनाव जैसे महत्वपूर्ण विभाग नेतृत्वहीन और पंगु हो गए हैं. क्योंकि उपराज्यपाल को की गई सिफारिशों में केजरीवाल ने इन विभागों को किसी अन्य मंत्री को आवंटित नहीं किया है, जैसा कि कानून में प्रावधान है.

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ऐसे में यह सभी विभाग स्वतः ही मुख्यमंत्री के पास ट्रांसफर हो जाते हैं. दूसरी तरह मुख्यमंत्री केजरीवाल दोबारा जेल चले गए हैं, तो उनके लिए इन महत्वपूर्ण विभागों के लिए किसी भी तरह के निर्णय लेना असंभव होगा और इनसे जुड़े सभी कार्य पूरी तरह से ठप हो जाएंगे. खास बात है कि राजकुमार आनंद ने मुख्यमंत्री को दिए अपने इस्तीफे में जो कारण गिनवाए, उनमें इन विभागों की निष्क्रियता और इनमें व्याप्त भ्रष्टाचार के साथ-साथ मंत्रियों के जेल में होने के अलावा दूसरे कार्यों या योजनाओं में एससी/एसटी फंड का दुरुपयोग भी शामिल था.

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Last Updated : Jun 3, 2024, 4:41 PM IST

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