जोधपुर : जोधपुर के रेंज आईजी कार्यालय की साइक्लोनर टीम ने एक फिर एसआई पेपर लीक मामले में लंबे समय से फरार चल रही 25 हजार की इनामी आरोपी वर्षा बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया है. आईजी विकास कुमार ने बताया कि एसआई पेपर लीक व अन्य परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बनकर भर्ती परीक्षा में बैठने वाली वांटेड वर्षा बिश्नोई की तलाश चल रही थी. साइक्लोनर टीम इसकी पड़ताल कर रही थी. इस दौरान जानकारी मिली थी कि वो कोटा के कोचिंग इलाके में नाम बदल कर रह रही है. इस पर हमारी टीम कोटा पहुंची और वहां कई दिनों तक जांच करती रही.
अंतत: सोमवार को कोटा पुलिस की मदद से कोचिंग सेंटर क्षेत्र में पेइंग गेस्ट में तलाशी अभियान चलाया, जहां वर्षा विमला नाम से रुकी थी. उसने फर्जी आधार कार्ड बनाकर रखा था. आईजी ने बताया कि एसआई पेपर लीक केस में साइक्लोनर टीम द्वारा ये छठी गिरफ्तारी है. इस ऑपरेशन का नाम डॉक्टर फिक्सिट रखा गया. आईजी ने बताया कि आगे आरोपी को एसओजी जयपुर को सुपुर्द कर दिया जाएगा.
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आरोपी ने बंद कर रखा था मोबाइल :सांचौर निवासी आरोपी वर्षा बिश्नोई ने अपना फोन बंद कर परिवार से दूरी बना ली थी. सिर्फ कुछ एप्लीकेशन और इंटरनेट कॉलिंग के जरिए लोगों से संपर्क करती थी. यहीं से टीम को सुराग मिले. करीब तीन माह तक लगातार प्रयास के बाद सोमवार को आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपी पढ़ती मिली मानव व्यवहार :अपराधी को जब अपने कृत्य का अहसास होता है तो वो बदलाव के प्रयास करते हैं. कुछ समय पहले जब साइक्लोनर टीम ने अन्य आरोपी शमी बिश्नोई को पकड़ा था तो वो मीरा बनकर वृंदावन घूमती मिली थी. अब जब टीम वर्षा को पकड़ने पहुंची तो उसने विमला के नाम का आधार कार्ड दिखाया. टीम ने जब थोड़ी सख्ती की तो उसने कबूल लिया कि वो ही वर्षा है. उसके पास से रॉबर्ट ग्रीन द्वारा लिखी लॉज ऑफ ह्यूमन नेचर नामक किताब मिली, जिससे वो मानवीय स्वभाव को जानने की कोशिश कर रही थी.
अब तक जोधपुर आईजी कार्यालय की साइक्लोन टीम ने छह आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. इसमें मास्टरमाइंड पौरव कालेर भी शामिल है, जिसे सीकर से पकड़ा गया था. इसके अलावा वृंदावन से शमी बिश्नोई, कोटा से वर्षा बिश्नोई, गंगानगर से शैतानाराम और हैदराबाद से सुनील और ओम प्रकाश ढाका को गिरफ्तार किया गया था.