लातेहारःजिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र में संचालित सरकारी स्कूलों की स्थिति अच्छी नहीं है. कई स्कूल भवन जर्जर हैं.ऐसा ही एक स्कूल है महुआडांड़ प्रखंड के अंबाकोना गांव में. गांव में संचालित प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के तहत स्कूल एक टेंट में चलता था. शुक्रवार को बारिश के कारण टेंट भी टूट गया. हालांकि इसकी सूचना मिलने के बाद लातेहार डीसी गरिमा सिंह ने तत्काल इस पर संज्ञान लेते हुए स्कूल के लिए नया भवन बनाने का निर्देश दिया है.
अंबाकोना गांव में टेंट में चलता था स्कूल
दरअसल, अंबाकोना गांव आदिवासी बहुल गांव है. इस गांव में सरकार के द्वारा प्राथमिक विद्यालय संचालित की जाती है. हालांकि विद्यालय के भवन की स्थिति अत्यंत जर्जर रहने के कारण स्कूल में पदस्थापित शिक्षक और ग्राम शिक्षा समिति के लोग वैकल्पिक व्यवस्था कर बच्चों को पढ़ने के टेंट से झोपड़ी की व्यवस्था की थी, लेकिन लातेहार में लगातार बारिश के कारण शुक्रवार को झोपड़ी में लगा टेंट भी टूट गया. इस कारण अब बच्चों को कहां पढ़ाया जाए यह एक बड़ी समस्या बन गई.
कई बार ग्रामीणों ने की थी शिकायत
ग्रामीणों का कहना है कि पठारी एरिया होने के कारण यहां जुलाई महीने से ही ठंड का प्रकोप बढ़ जाता है. बारिश होने के बाद तो टेंट के नीचे में बैठने से ठंड से बच्चे कांपने लगते हैं. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जनप्रतिनिधियों को इस संबंध में जानकारी दी गई थी, लेकिन जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई.
सूचना मिलते ही डीसी ने लिया संज्ञान
इधर, मामले की सूचना मिलने के बाद लातेहार डीसी गरिमा सिंह ने तत्काल शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि विद्यालय के लिए अतिरिक्त नए भवन बनाने का कार्य आरंभ करें. डीसी के निर्देश पर विद्यालय में अतिरिक्त नए कमरों के निर्माण के लिए पहल शुरू कर दी गई है.