गोरखपुर: आज यानी 02 अक्टूबर को सूर्यग्रहण लग रहा है. हालांकि इसका असर सभी देशों पर नहीं पड़ेगा फिर भी इस खगोलीय घटना को लेकर लोगों के मन में जिज्ञासा है. यह कंगनाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें एक रिंग बन जाती है. जब यह ग्रहण लगेगा तो भारत में रात होगी, लिहाजा यहां लोग इसे नहीं देख सकते. फिर भी इस दुर्लभ घटना को अन्य संचार माध्यमों से देखा जा सकता है.
चार प्रकार के सूर्य ग्रहण:गोरखपुर में वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के खगोलविद् अमर पाल सिंह ने बताया है कि जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तब सूर्य ग्रहण की खगोलीय घटना होती है. इससे धरती पर आने वाला सूर्य का प्रकाश कुछ देर के लिए बाधित हो जाता है. इसे खगोल विज्ञान की भाषा में एकलिपसाइड कहा जाता है. सूर्य ग्रहण चार प्रकार के होते हैं जैसे, पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण, वलयाकार या कंगनाकार सूर्य ग्रहण, हाइब्रिड सूर्य ग्रहण.
खगोलविद् अमर पाल सिंह ने बताया कि इस ग्रहण के दौरान आसमान में रिंग ऑफ फायर दिखेगी, जिससे यह सूर्य ग्रहण वलयाकर सूर्य ग्रहण होगा. यह साल का दूसरा और आख़िरी सूर्य ग्रहण होगा. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण आंशिक तौर पर घटित होगा
क्या भारत में दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण:2 अक्टूबर को होने वाले इस सूर्य ग्रहण को जो लोग भारत में देखना चाहते हैं, उनको निराशा मिलेगी. जब यह ग्रहण होगा, तब भारत में रात्रि का समय होगा. इस सूर्य ग्रहण को प्रशांत महासागर के देशों, दक्षिणी चिली, दक्षिणी अर्जेंटीना के कुछ हिस्सों, ब्राजील, पेरू आदि में देखा जा सकता है.वहां के लोग एक चमकदार रिंग ऑफ फायर देख सकेंगे और दक्षिणी अमरीका में आंशिक रूप से दिखाई देगा.