शहीद सुमन कुमार का अंतिम संस्कार (ETV Bharat) भागलपुर: ड्यूटी के दौरान तैनात शहीद हुए भागलपुर के रहने वाले शहीद जवान सुमन कुमार का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव साहोरा में हुआ. वे हिमाचल प्रदेश में आर्मी में सिग्नल कोर में तैनात थे. अचानक बिजली का झटका लगने से उनकी मौत हो गई. मौत से कुछ समय पहले ही शहीद जवान ने अपनी मां से फोन पर बातचीत की थी और कहा था कि इस बार छुट्टी में आऊंगा तो घर बनवा कर ही जाऊंगा लेकिन जिस जगह पर घर बनता उसी जगह दफन होना पड़ा. इस घटना से गांव में शोक का माहौल है.
अंतिम संस्कार में उमड़ी लोगों की भीड़ (ETV Bharat) तिरंगे में लिपटकर आए शहीद जवान: शहीद सुमन की अंतिम यात्रा में हजारों युवा शामिल हुए. देशभक्ति गीत और भारत माता की जय के नारों के साथ अंतिम यात्रा निकाली गयी. इस दौरान गांव से काफी संख्या में लोग शामिल रहे. परिजनों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे हुए शहीद को अंतिम विदाई देते समय उनकी मां की आंखें नम थी. इसे देखकर आसपास मौजूद लोग भी खुद को नहीं रोक पा रहे थे. सभी के आंखों में आंसू थे.
शहीद सुमन कुमार के परिजन (ETV Bharat) आर्मी के जवानों ने दी सलामी:शहीद के शव को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इसमें विशेष रूप से उनके साथ आए आर्मी जवान ने सलामी फायर की. शहीद की अंतिम यात्रा में नवगछिया के एसपी पूरण झा, एसडीएम, एसडीपीओ नवगछिया, डीसीएलआर, रंगरा प्रखंड की प्रखंड विकास पदाधिकारी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति व नेतागण शामिल थे.
नम आंखों से लोगों ने किया विदा: शहीद सुमन कुमार के पार्थिव शरीर बुधवार को पैतृक गांव लाया गया. जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग उमर पड़े. शहीद के घर से लेकर मदरौनी चौक तक हजारों की संख्या में लोग अंतिम दंर्शन के लिए मौजूद रहे. भारत माता की जय और सुमन कुमार अमर रहे के नारो से वातावरण गूंज रहा था.
इस बार छुट्टी में आने पर घर बनवाने का किया था वादा: शहीद जवान के परिवार वालों का कहना था कि कोसी के कटाव में उनका पुराना घर कट गया था. इस वजह से वो किसी तरह से अपना जीवन यापन कर रहे थे. जवान ने घर से कुछ दूर जमीन खरीदी थी उसी पर घर बनाने को लेकर अक्सर मां से बातें करते थे. उन्होंने अपनी मां से कहा था कि इस बार छुट्टी में आएंगे तो वहां पर घर बनवाएंगे लेकिन हादसे में वे शहीद हो गए.
"हिमाचल प्रदेश में तैनात थे. वहीं हादसा में शहीद हो गए. घर तो नहीं बना लेकिन तिरंगे में लिपटे हुए सुमन कुमार का पार्थिव शरीर उसके गांव आ गया. उसी जमीन पर उनका अंतिम संस्कार हो रहा है. घटना से हमलोग काफी दुखी हैं. मां का रो रोकर हाल खराब है. "-परिजन
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