सिरसा:जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में गुरुवार रात आतंकवादी हमले में शहीद जीवन सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव रोहण पहुंचा. भारतीय सेना की ओर से जीवन सिंह के शहीद होने की सूचना शुक्रवार सुबह परिजनों को दी गई. शहीद जीवन सिंह का पार्थिव शरीर शाम को रोहण गांव लाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ जीवन सिंह का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के दौरान शहीद के परिजन सहित गांव वालों की भी आंखे नम हो गई. शहीद को उनकी चार साल की बेटी ने मुखाग्नि दी.
सीएम ने शहीद को दी श्रद्धांजलि:सीएम सैनी ने भी आतंकी हमले में शहीद हुए जीवन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की है. सीएम ने अपने X अकाउंट पर लिखा कि जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए गांव रोहण (सिरसा) के निवासी मातृभूमि के सपूत राइफलमैन जीवन सिंह जी की शहादत को बारंबार प्रणाम, अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि. मां भारती की सेवा में कर्तव्य पालन के दौरान अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीद जवान के परिवार के साथ प्रदेश सरकार पूर्ण संवेदनशीलता के साथ खड़ी है.
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल: शहीद जीवन सिंह पर आतंकी हमले की सूचना जैसे ही परिजनों को मिली, मानों ऐसा लग रहा था कि परिजनों के पैरो तले जमीन ही खिसक गई हो. जीवन सिंह की पत्नी और मां का रो-रो कर बुरा हाल है. हालांकि शहीद के पिता सुखदेव सिंह ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरा जीवन सिंह भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हो गया. जीवन को शुरू से ही फौज में जाने की इच्छा थी, इसलिए वो फौज में भर्ती हो गया. उसकी दो बेटियां हैं. हमारा घर जीवन की नौकरी से ही चलता था. मुझे अपने बेटे पर गर्व है.
कैंप की तरफ लौटते समय हुआ हमला: शाहिद जीवन सिंह के चाचा रिटायर्ड हेड कांस्टेबल आर्मी धर्म सिंह है. उन्होंने कहा कि उन्हें सुबह 5 बजे फोन आया कि आतंकी हमले में जीवन सिंह शहीद हो गए हैं. जीवन सिंह सहित चार जवान और दो सिविलियन कानवाई में कैंप की तरफ वापस आ रहे थे, तभी आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया. हमले में जीवन सिंह शहीद हो गया.