दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

सुपरपावर बनने को तैयार हम, फिर भी मजदूर हैं परेशान, जानें उनकी समस्याएं और मांगें

-प्रेस क्लब में एकजुट हुए देशभर के संगठन -बोनस-वेतन संबंधी मांगों पर हुई चर्चा

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 minutes ago

प्रेस क्लब में एकजुट हुए मजदूरों ने रखी समस्याएं और मांगें
प्रेस क्लब में एकजुट हुए मजदूरों ने रखी समस्याएं और मांगें (SOURCE: ETV BHARAT)

नई दिल्ली: देशभर में दिवाली फेस्टिवल चल रहा है. इस दौरान हर नौकरी पेशा मजदूर, घरेलू कामगार सभी के मन में दिवाली बोनस को लेकर उमंग होती है. बड़ी-बड़ी एमएनसी और कंपनियों में काम करने वाले लोगों को अच्छे बोनस दिए जाते हैं, वही फैक्ट्री में जो मजदूर है उनके मन में दिवाली पर भी निराशा का भाव है क्योंकि उन्हें ना तो बोनस मिल रहा है ना ही उचित सैलरी. इन्हीं समस्याओं और अपनी मांगों को उजागर करने के लिए दिल्ली के प्रेस क्लब में एक विशेष वार्ता का आयोजन किया गया. इस वार्ता में उत्तराखंड, असम, तेलंगाना और हरियाणा के मजदूर यूनियन के लोग जुड़े, जिन्होंने वहां के मौजूदा मजदूरों की समस्याओं को सामने रखा.

मारुति कंपनी के मजदूरों की कहानी

मजदूरों के संघर्ष की बात आती है तो सबसे पहले लोगों के जहन में मारुति के मजदूरों का नाम सामने आता है. 2012 में हुए एक विवादित कांड के बाद करीब 546 स्थाई और 1800 ठेका मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया गया. इसमें से 13 मजदूर नेताओं को स्पेशल कोर्ट ने आजीवन कारावास सजा सुनाई गई थी. घटना को 12 साल बीत चुके हैं, लेकिन मजदूर आज भी बहाली को लेकर धरने पर बैठे हैं. आईएमटी मानेसर में स्थित मारुति प्लांट के मजदूर और मारुति सुजुकी संघर्ष समिति के सदस्य सतीश ने बताया कि 1 महीने से मजदूर अपनी बहाली को लेकर भूख हड़ताल पर है. जिनको शासन प्रशासन दोनों की ओर से परेशान किया जा रहा है और धरना खत्म करने का आदेश दिया जा रहा है. इसके अलावा दिवाली फेस्टिवल सीजन को देखते हुए मजदूरों ने अपने बोनस की मांग को भी उठाया. मजदूर चाहते हैं कि उनको पिछले वर्ष की तुलना में कुछ फीसदी बोनस बढ़ा कर दिया जाए.

आयोजन में पहुंचे कलाकारों ने गीत के माध्यम से रखी मजदूरों की मांग (SOURCE: ETV BHARAT)

चाय बागान श्रमिकों की मांगें

दार्जिलिंग हिल्स चाय बागान श्रमिकों के प्रतिनिधित्व कर रहे नयन ज्योति ने बताया कि चाय बागान में काम करने वाले श्रमिकों की मांग है कि उन्हें 20 फीसदी बोनस दिया जाए. साथ ही न्यूनतम वेतन, प्रोविडेंट फंड और वेतन में लंबित मांगे पूरी हो. दार्जिलिंग हिल-तराई-डूअर्स क्षेत्र के 300 चाय बागानों के लगभग 8 लाख स्थायी एवं अस्थायी श्रमिकों की स्थिति एक्सपोर्ट क्वॉलिटी के लिए प्रख्यात उच्च ब्रांडिंग के बावजूद काफी दयनीय है.

मजदूरों का कहना है कि मज़दूरों का दैनिक मेहनताना न्यूनतम मेहनताने से भी कम है, (पिछली बढ़ोतरी के बाद 250 रुपये) 2015 में न्यूनतम मेहनताना पर त्रिपक्षीय समझौते की अनदेखी करते हुए मज़दूरों के लिए कोई 'पट्टा' (भूमि या आवास अधिकार) नहीं है. अथवा वेतन, पी.एफ, ग्रेच्युटी के अनियमित भुगतान के साथ-साथ बड़े पैमाने पर ठेकेदारी से श्रमिकों के लिए काम का बोझ बढ़ाया जा रहा है. एच.पी.ई.यू की सहायता से 300 लॉन्गव्यू चाय बागान श्रमिकों के शानदार संघर्ष की हालिया जीत के बाद सितंबर के आखिर में चाय बागान श्रमिकों का संघर्ष और तेज हो गया और उन्होंने 20% वार्षिक बोनस की मांग की है. 30 सितंबर 2024 को चाय बागानों में हड़ताल तथा बड़े पैमाने पर लामबंदी और सड़क जाम के साथ-साथ एक सफल पहाड़ बंद' (हिल स्ट्राइक) हुआ. त्रिपक्षीय बैठक में कोई फैसला ना होने के कारण सरकार ने एकतरफा 16% बोनस की घोषणा कर दी. श्रमिक इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और 2 अक्टूबर को बड़े पैमाने पर विरोध किए गए हैं. 7 अक्टूबर से लॉन्गव्यू और रिंग्टन चाय बागानों में भूख हड़ताल शुरू हो गई है. दबाव में सरकार को बोनस बैठकें फिर से बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा और संघर्ष जारी है.

उत्तराखंड के मजदूरों का संघर्ष

हरियाणा के मानेसर स्थित ऑटो पार्ट्स बनाने वाली बेलसोनिका कंपनी की मजदूर यूनियन के सदस्य अजीत ने बताया कि उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में डॉल्फिन और लुकास टीवीएस के श्रमिक महीनों से संघर्ष कर रहे हैं. मारुति और अन्य कंपनियों को ऑटो कंपोनेंट सप्लाई करने वाली डॉल्फिन के 5 प्लांट में करीब 4000 स्थायी श्रमिकों को श्रम कानून का उल्लंघन करते हुए ठेके पर नियुक्त किया जा रहा है और 48 स्थायी श्रमिकों को बिना किसी नोटिस के नौकरी से निकाल दिया गया है. इन फैक्ट्रियों में कानून के अनुसार न्यूनतम वेतन और बोनस भी नहीं दिया जा रहा है. मजदूरों ने स्थायी नौकरी और पूरे बकाया वेतन के साथ बहाली की मांग को लेकर 28 अगस्त 2024 से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है.

अजीत ने आगे बताया कि लुकास टीवीएस के मजदूर करीब एक साल से संघर्ष कर रहे हैं और वे अवैध रूप से निकाले गए मजदूर नेताओं की बहाली, यूनियन को मान्यता और मांगों के चार्टर का समाधान करने की मांग को लेकर 26 अक्टूबर 2024 से अपना धरना जारी रखे हुए हैं. 10 अक्टूबर 2024 से रुद्रपुर, उधम सिंह नगर में “मजदूर-किसान महापंचायत” में श्रमिकों ने परिवार के सदस्यों के साथ डॉल्फिन, लुकास टीवीएस, इंटरार्च और करोलिया लाइटिंग मज़दूरों की मांगों के न्यायपूर्ण समाधान के लिए अपने संघर्ष को तेज करने की घोषणा कर दी है.

ये भी पढ़ें-दो टुकड़े हुए हाथ को डॉक्टरों ने फिर से जोड़ा

ये भी पढ़ें-सरोजिनी नगर में दर्दनाक हादसा, सीवर की सफाई के दौरान दो मजदूरों की मौत, एक गंभीर

Last Updated : 3 minutes ago

ABOUT THE AUTHOR

...view details