कुरुक्षेत्र: हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों पर 5 अक्तूबर को मतदान होगा. जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है. चुनाव भी रोचक होता जा रहा है. कभी कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है, तो कभी बीजेपी कांग्रेस पर हावी नजर आ रही है. कुरुक्षेत्र जिले की चारों विधानसभा सीटों पर भी स्थिति कुछ ऐसी ही है. कुरुक्षेत्र जिले में लाडवा, थानेसर, शाहाबाद और पिहोवा विधानसभा सीट आती हैं. चारों सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है.
कुरुक्षेत्र जिले में मतदाता: कुरुक्षेत्र जिले में 773425 कुल मतदाता हैं. यानी चारों विधानसभा सीटों पर 7 लाख 73 हजार 425 मतदाता अपने मत का इस्तेमाल सरकार चुनने में करेंगे. इसके अलावा जिले में 2244 सर्विस मतदाता भी शामिल हैं. लाडवा विधानसभा सीट पर 1 लाख 96 हजार 536 मतदाता है. जिसमें 1 लाख 1 हजार 518 पुरुष, 95017 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर की वोट है.
इसी प्रकार शाहबाद विधानसभा सीट पर 1 लाख 71 हजार 536 मतदाता हैं. जिनमें 89514 पुरुष, 82020 महिलाएं, 2 थर्ड जेंडर शामिल हैं. थानेसर विधानसभा सीट पर 2 लाख 18 हजार 409 मतदाता हैं. जिनमें 1 लाख 12 हजार 811 पुरुष, 1 लाख 5 हजार 591 महिलाएं, 7 थर्ड जेंडर शामिल है. इसी तरह पिहोवा विधानसभा सीट पर 1 लाख 86 हजार 944 मतदाता हैं. जिनमें 96748 पुरुष, 90102 महिलाएं तथा 4 थर्ड जेंडर की वोट शामिल हैं.
हॉट सीट लाडवा का समीकरण: लाडवा विधानसभा सबसे हॉट सीट मानी जा रही है, क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मेवा सिंह हैं. लाडवा विधानसभा सीट पर फिलहाल कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. क्योंकि बीजेपी प्रत्याशी नायब सैनी के सामने कई चुनौतियां हैं. भारतीय जनता पार्टी से बगावत करके संदीप गर्ग ने आजाद पर्चा भरा हुआ है. जो नायब सैनी के लिए मुसीबत बन सकते हैं. इस सीट पर सैनी समाज और जाट समाज का वोट बैंक सबसे ज्यादा है, तो सैनी समाज से भी आजाद उम्मीदवार ने पर्चा भरा हुआ है.
मुश्किल में नायब सैनी का सफर! अगर आजाद उम्मीदवारों को वोट मिलता है तो ऐसे में मुख्यमंत्री के लिए जीत की राह आसान नहीं होगी. वहीं कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी मेवा सिंह जाट बिरादरी से आते हैं. वो इस सीट से सिटिंग विधायक भी हैं. इन दोनों के मुकाबले इस सीट से इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी से सपना बड़शामी चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस और इनेलो दोनों ही उम्मीदवार जाट समाज से आते हैं. ऐसे में मेवा सिंह के सामने भी सपना समस्या खड़ी कर सकती है. जिसके चलते यहां पर भाजपा और कांग्रेस में कांटे के टक्कर दिखाई दे रही है.