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हरियाणा में घग्गर नदी बेल्ट के जिलों में बढ़ रहा कैंसर, हर महीने 1500 मौत, सरकार गंभीर हो - कुमारी सैलजा - HARYANA CANCER CASES RISING

कुमारी सैलजा ने कहा कि एक दशक से घग्गर नदी बेल्ट में आने वाले जिलों में तेजी से कैंसर बढ़ रहा है.

GHAGGAR RIVER BELT
कुमारी सैलजा का बयान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 18, 2024, 7:11 PM IST

हिसार: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि पिछले एक दशक से हरियाणा खासकर घग्गर नदी बेल्ट में आने वाले जिलों सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला में तेजी से कैंसर फैल रहा है. इन जिलों में हर महीने तीन हजार नए मरीज सामने आ रहे हैं. हरियाणा में हर माह 1500 कैंसर मरीज दम तोड़ रहे हैं और साल में ये आंकड़ा 18 हजार का है. उन्होंने कहा कि कैंसर प्रभावित जिलों में सरकार को ही जिला अस्पताल पर कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध करवानी चाहिए, ताकि इलाज के अभाव में कैंसर पीड़ितों की मौत को रोका जा सके.

कैंसर के 2916 नए मरीज सामने आ रहे : कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में कैंसर तेजी से पांव पसार रहा है. ना केवल नए मरीजों की संख्या का आंकड़ा बढ़ रहा है, बल्कि मौत के मामलों में भी वृद्धि हो रही है. हरियाणा में हालात भयावह बने हुए है, जहां कैंसर अब काल बनता जा रहा है. आंकड़ों की माने तो प्रदेश में हर माह कैंसर के 2916 नए मरीज सामने आ रहे हैं और साल में इनकी संख्या 35 हजार के करीब पहुंच जाती है. कैंसर के मरीजों की मौत की बात करें हरियाणा में हर माह 1500 कैंसर मरीज दम तोड़ रहे हैं और साल में ये आंकड़ा 18 हजार का है. उन्होंने कहा कि चौंकाने वाली बात ये है कि प्रदेश में 30 साल से ऊपर की आबादी में एक लाख लोगों की जांच में 102 लोगों में कैंसर के लक्षण मिल रहे हैं.

घग्गर नदी बेल्ट में पनप रहा है कैंसर : हरियाणा में घग्गर बेल्ट में आने वाले सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, अंबाला जैसे जिलों में कैंसर तेजी से फैल रहा है. हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के पहाड़ी इलाके से इसका उद्गम है. शिवालिक पहाड़ियों से ये नदी कालका से हरियाणा में प्रवेश करती है. इसके बाद पंजाब के मोहाली से अंबाला, पटियाला, कैथल, संगरुर, फतेहाबाद, मानसा, सिरसा, हनुमानगढ़ और अनूपगढ़ से होते हुए पाकिस्तान तक जाती है. करीब 320 किलोमीटर लंबी घग्गर नदी पंचकूला के बाद प्रदूषित हो जाती है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर गठित की गई टास्क फोर्स की ओर से पिछले कुछ वर्षों में नदी में जगह-जगह पर लिए गए सैंपलों में भी साफ हो गया है कि नदी में जहरीले तत्व हैं. ये सब इंसानी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है.

सरकार को पीड़ितों के इलाज के लिए उठाना चाहिए कदम : उन्होंने आगे कहा कि प्रथम और द्वितीय स्टेज के कैंसर का सफल इलाज है. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य की जांच कराएं, ताकि समय पर कैंसर को रोका जा सके. अटल केयर केंद्र अंबाला, नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट झज्जर और पीजीआई रोहतक में कैंसर का इलाज किया जाता है, इसके साथ ही ये सुविधा हर जिला मुख्यालय पर उपलब्ध करवाई जाए. इलाज के लिए लोगों को राजस्थान के बीकानेर के आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र और पीजीआई रोहतक में जाना पड़ता है. काफी कैंसर पीड़ित इलाज के अभाव में दम तोड़ जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाना चाहिए.

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