हिसार: सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने एक बार फिर डीएपी को लेकर हरियाणा सरकार पर हमला बोला है. पिछले दिनों उकलाना मंडी क्षेत्र के गांव भीखेवाला में एक किसान की मौत हो गई. मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि डीएपी खाद न मिलने से परेशान होने के कारण उसने खुदकुशी की है. इसे लेकर कुमारी सैलजा हरियाणा सरकार पर हमलावर हैं. सैलजा ने कहा कि ये शर्म की बात है कि डीएपी के कारण एक किसान ने खुदकुशी कर ली.
सैलजा ने लगातार किए दो ट्वीट:कुमारी सैलजा ने लगातार इसे लेकर दो ट्वीट भी किया. सैलजा ने अपने X पर इसे लेकर दो पोस्ट किए और हरियाणा सरकार पर जमकर प्रहार किया. सैलजा ने लिखा, "उकलाना में किसान रामभक्त की मृत्यु केवल एक व्यक्ति की मृत्यु नहीं है, यह हर किसान के विश्वास के टूटने की गहरी पीड़ा है. डीएपी खाद के लिए किसान ने दिन-रात मंडी के चक्कर लगाए, परंतु भाजपा सरकार ने उनकी पुकार को नजरअंदाज कर दिया. अंततः अपनी फसल की बर्बादी और निराशा में उन्होंने जान दे दिया. यह भाजपा सरकार की मात्र प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि अन्नदाताओं के सपनों की निर्मम हत्या है. किसान अपने खेत में अपना सब कुछ न्योछावर कर देता है, परंतु सरकार उसे एक मुट्ठी खाद तक नहीं दे पाती. आखिर कब तक हमारे अन्नदाता इस असहायता में अपनी जान गंवाते रहेंगे?"
मृतक के परिजनों से मिली सैलजा: इसके बाद सैलजा मृत परिवार से मिलने भी गई. इसकी तस्वीर साझा करते हुए सैलजा ने अपने X अकाउंट पर लिखा, "आज भिखेवाला (नरवाना) में दिवंगत किसान रामभक्त के परिवार से मिलकर संवेदनाएं प्रकट की और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. खाद की कमी के चलते उन्हें आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा. यह घटना भाजपा सरकार की असंवेदनशील नीतियों का परिणाम है. यदि समय पर खाद उपलब्ध होती, तो एक मेहनतकश किसान की जान बच सकती थी."
एक ओर किसान डीएपी खाद के लिए आत्महत्या कर रहा है. दूसरी ओर सीएम नायब सैनी दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में डीएपी खाद की कमी नहीं है. सरकार को सेटेलाइट से पता चल जाता है कि कौन कहां पर पराली जला रहा है, तो सरकार को खाद के लिए लगी लंबी लंबी कतारें दिखाई नहीं दे रही है. अगर खाद है तो किसानों को मिल क्यों नहीं रही है. कौन डीएपी का बैग ब्लैक में बेच रहा है. यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि उकलाना में एक किसान ने खाद न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली. - कुमारी सैलजा, सांसद, सिरसा