चंडीगढ़: हरियाणा के किसान इन दिनों खाद की किल्लत झेल रहे हैं. किसान समय पर डीएपी न मिलने से परेशान हैं. समय पर खाद न मिलने से किसानों के गेहूं की फसल प्रभावित होगी. इससे गेहूं की बिजाई लेट से होगी. इसका असर फसल पर भी पड़ेगा. इस बीच कांग्रेस लगातार राज्य सरकार पर डीएपी को लेकर हमलावर है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने डीएपी की किल्लत को लेकर राज्य सरकार को घेरा है. शैलजा ने कहा है कि किसान परेशान हैं और बीजेपी जीत को जश्न में डूबी हुई है.
डीएपी की कमी से किसान प्रभावित: कुमारी शैलजा ने कहा, "प्रदेश में इन दिनों डीएपी खाद की किल्लत के कारण किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. डीएपी न मिलने के चलते गेहूं की बिजाई प्रभावित हो रही है. जिन किसानों ने खेतों की सिंचाई कर रखी है, उनको समय पर डीएपी खाद न मिलने के कारण अब दोबारा से सिंचाई करनी पड़ेगी, जिससे गेहूं की बिजाई लेट हो जाएगी. गेहूं की बिजाई अब जितनी लेट होगी, उत्पादन पर भी उतना ही असर पड़ेगा. इससे किसानों को और ज्यादा आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा."
शैलजा का सरकार पर अटैक: आगे कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा में 23 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में गेहूं की बिजाई होती है, जो देश के अन्नभंडारन में अहम योगदान देता है. अकेले गेहूं की फसल की बात करें तो इतने रकबे में बिजाई के लिए 60 लाख से अधिक डीएपी के बैग की जरूरत होती है. गेहूं की बिजाई अक्टूबर माह में ही शुरू हो जाती है. ऐसे में सरकार को डीएपी का प्रबंध सितंबर माह में ही करना चाहिए था, ताकि किसानों को बिजाई के समय में डीएपी की किल्लत का सामना न करना पड़े.
हरियाणा सरकार ने समय रहते डीएपी का प्रबंध नहीं किया. बीजेपी जीत के जश्न में डूबी हुई है. किसानों की परेशानी से बीजेपी को जरा भी सरोकार नहीं है. किसानों को अपना हितैषी बताने वाली बीजेपी सरकार गेहूं की बिजाई के समय में डीएपी उपलब्ध करा कर किसान विरोधी सरकार होने का प्रमाण दे रही है. प्रदेश में बीजेपी क्षेत्र के अनुसार भी किसानों के साथ भेदभाव कर रही है. अब 10 से अधिक समय पर सिरसा में मात्र 1381 एमटी डीएपी भेजी है, जिससे 57 सोसायटी में पांच-पांच बैग ही मिले हैं, जो ऊंट के मुंह में जीरा समान है.-कुमारी शैलजा, सिरसा सांसद