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Wach: मेरठ महोत्सव में कुमार विश्वास की BJP नेताओं पर चुटकी, 'पहले के राम अच्छे थे' - KUMAR VISHWAS IN MEERUT

कवि सम्मेलन में कविताओं से बटोरीं तालियां. कई विषयों पर रचनाओं के जरिए किया व्यंग.

मेरठ महोत्सव कवि सम्मेलन में कुमार विश्वास
मेरठ महोत्सव कवि सम्मेलन में कुमार विश्वास (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 10 hours ago

Updated : 10 hours ago

मेरठ: शनिवार यानी 21 दिसंबर से मेरठ महोत्सव की शुरुआत हो गई है. महोत्सव का उद्घाटन भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ. मेरठ में पहली बार हो रहे इस भव्य आयोजन में अभिनेत्री हेमा मालिनी, गायक शंकर महादेवन, कवि कुमार विश्वास, गायिका हर्षदीप कौर और नीति मोहन समेत कई लोकप्रिय कलाकार अलग-अलग दिन परफॉर्म कर रहे हैं. वहीं, महोत्सव का जैसे ही आगाज हुआ तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. महोत्सव में पहले दिन की शाम कवि सम्मेलन के नाम रही. इस मौके पर कवि कुमार विश्वास ने रचनाओं के जरिए खूब तालियां बटोरीं.


शनिवार शाम कवि कुमार विश्वास ने अपनी मधुर कविताओं से महोत्सव में आये लोगों का मन मोह लिया. इस दौरान कवि कुमार विश्वास ने भाजपाइयों के कार्यशैली पर भी चुटकी ली. कहा कि मुझे जब कोई बीजेपी का नेता मिलता है तो मैं जोर से गले मिलता हूं. क्या पता वो अगला मुख्यमंत्री हो.

मेरठ महोत्सव कवि सम्मेलन में पहुंचे कुमार विश्वास (Video Credit; ETV Bharat)


कुमार विश्वास ने कहा कि आप पहले भी राम भरोसे थे और कल भी राम भरोसे ही रहोगे. इस बात को कहने की असली वजह थी कि सांसद अरुण गोविल का कार्यक्रम में करीब एक घंटे देरी से पहुंचना. कवि कुमार विश्वास ने भाजपा नेताओं की मंच से शरारती अंदाज में चुटकी ली. हालांकि, कार्यक्रम के शुरू होने से पूर्व सांसद राजेन्द्र अग्रवाल पहुंचे थे.


कुमार विश्वास ने भाजपा नेताओं की चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा के नेता ये ना समझे कि मैं कुछ उनके लिये अच्छा बोलूंगा. मेरा पेमेंट हो चुका है आज किसी को छोड़ने वाला नहीं हूं. आज की शाम कवियों की शाम है. कवि कुमार विश्वास ने पूर्व सांसद राजेन्द्र अग्रवाल का नाम लेते हुए कहा कि राजेन्द्र जी बदल गए है, जबकि कुछ लोग ये भी कह रहे है कि पहले के राम अच्छे थे.


उन्होंने कहा कि मैं अब-तक 44 देशों में घूम चुका हूं, लेकिन मैंने कभी नहीं कहा कि मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं. मैंने हमेशा कहा है कि मेरा जन्म मेरठ में हुआ है. उन्होंने एक कहावत भी सुनाते हुए कहा कि हाथी घूमे गांव-गांव, जिसका हाथी उसी की नाव.


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