कोटा: यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 चल रहा है और लाखों लोग वहां पर पहुंच रहे हैं. अब तक करीब 35 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में स्नान कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि 144 साल बाद यह महाकुंभ का ऐसा संयोग बना है. महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार ने भी कई व्यवस्थाएं की हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में वॉलिंटियर्स भी वहां पर लगे हुए हैं.
कोटा के सर्राफा व्यवसायी वल्लभ मित्तल भी वहां पहुंचे थे. हालांकि, महाकुंभ में चल रही व्यवस्थाओं को पहले ही देख चुके थे, इसीलिए उन्होंने वहां पर सेवा दे रहे वॉलिंटियर्स और कर्मियों को चांदी का सिक्का देने की योजना बनाई. साथ ही अपने पांच कार्मिकों के साथ 10 हजार सिक्के लेकर महाकुंभ में पहुंच गए थे. वल्लभ मित्तल का यह भी कहना है कि वह रोज करीब 10 किलोमीटर पैदल चलते थे और 10 किलोमीटर वापस आते थे. उन्होंने महाकुंभ के कई अलग-अलग एरिया में जाकर इन सिक्कों का वितरण किया है. इसके लिए भी अपने पांच स्टाफ को प्रयागराज महाकुंभ साथ ले गए थे. ऐसे में कभी एक साथ जाकर सिक्कों का वितरण करते थे या फिर अलग-अलग टीम बनाकर सिक्कों का वितरण किया करते थे.
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उनका कहना है कि महाकुंभ में सेवा कार्य में लगे जो भी व्यक्ति उन्हें दिखे, उन्हें यह चांदी का सिक्का सेवा कार्य के लिए दिया है. इसमें महाकुंभ मैनेजमेंट स्टाफ, सफाई कर्मी, स्वीपर, सुरक्षा गार्ड, पुलिसकर्मी और अन्य एजेंसियों के सुरक्षा गार्ड के साथ-साथ फायरफाइटर और अग्निशमन के कर्मी शामिल हैं. साथ ही महाकुंभ में पहुंचे दिव्यांग और नेत्रहीन साधुओं को भी उन्होंने यह सिक्के दिए.
सिक्कों की क्या कीमत थी? यह बताने से उन्होंने इनकार कर दिया. हालांकि, उनका कहना है कि एक सिक्का एक ग्राम का था और 10 हजार सिक्के वे लेकर गए थे. सभी को 5 दिन (5 से 9 फरवरी के बीच) वितरित किया गया. वल्लभ मित्तल का कहना है कि कई कर्मचारी सिक्का लेने से भी डर रहे थे, क्योंकि उन्हें यह शंका थी कि कोई शिकायत कर देगा, लेकिन उन्होंने समझाया कि ऐसी कोई बात नहीं है. यह महाकुंभ में सेवा देने के लिए ही उनको भेंट स्वरूप दिया गया है.
वल्लभ मित्तल का कहना है कि उनकी कोटा में वल्लभम सर्राफ की काफी पुरानी दुकान है. उनके पिता श्रीनाथ मित्तल और अन्य परिजनों की भी इच्छा थी कि इस तरह का सेवा कार्य किया जाए. इसलिए उन्होंने इस कार्य की शुरुआत की. उनके पिता हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद के कोटा अध्यक्ष भी हैं.