कोरबा मेयर राजकिशन प्रसाद का जाति प्रमाण पत्र निरस्त, अब जा सकते हैं हाई कोर्ट - Rajkishore Prasad caste certificate - RAJKISHORE PRASAD CASTE CERTIFICATE
कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि महापौर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का रूख कर सकते हैं.
कोरबा: महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को राज्य स्तर की छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया है. पहले उनके प्रमाण पत्र को जिला स्तर पर निलंबित किया गया था. यह मामला राज्य स्तर पर लंबित था. हालांकि अब इस पर अंतिम निर्णय आ चुका है. भाजपाई इसे अपनी जीत बता रहे हैं. साथ ही महापौर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इधर, कांग्रेसी इस कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी में हैं.
राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को किया गया निरस्त (ETV Bharat)
महापौर की प्रत्याशी रही रितु ने की थी शिकायत:नगर पालिक निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को रितु चौरसिया की शिकायत पर निरस्त किया गया है. जिला स्तरीय छानबीन समिति की ओर से विस्तृत जांच के लिए भेजे गए इस मामले को आदिम जाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया है.
महापौर का जाति प्रमाण पत्र निरस्त : महापौर चुनाव के समय भाजपा से प्रत्याशी रही रितु चौरसिया ने महापौर राजकिशोर प्रसाद की ओर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र पेश करने का आरोप लगाया था. इसके बाद मार्च 2024 में जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति की ओर से महापौर राज किशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को निलंबित कर जांच के लिए प्रदेश स्तरीय समिति को प्रेषित किया गया था. यहां राजकिशोर प्रसाद अपना पक्ष साबित करने में असफल रहे. ऐसे में उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति की ओर से राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया.
"यह सच्चाई की जीत है. अब उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है. लंबी लड़ाई के बाद जीत मिलना यह कोरबा की जनता की जीत है. उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के सामने तीन बार मुझे और राजकिशोर प्रसाद को जाति को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था. समिति की ओर से दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आखिरकार फैसला सुनाया गया. समिति ने महापौर राजकिशोर प्रसाद की जाति प्रमाण पत्र पर निरस्त करने का निर्देश दिया गया है. महापौर को तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए."-रितु चौरसिया, पार्षद बीजेपी
महापौर कर सकते हैं हाईकोर्ट का रूख: वहीं, महापौर के जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद मामला काफी सुर्खियों में है. महापौर राजकिशोर प्रसाद ने भी अपना पक्ष राज्य स्तर की समिति के समक्ष रखा था. इसके बाद फैसला उनके हक में नहीं आया है. अब वह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी कर रहे हैं. जल्द ही वह हाई कोर्ट का रूख कर सकते हैं.