कोरबा: कोरबा लोकसभा सीट पर मुख्य चुनावी दंगल दो महिलाओं के बीच है. बीजेपी की तरफ से सरोज पांडेय और कांग्रेस की तरफ से ज्योत्सना महंत चुनावी बैतरनी को पार करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहीं हैं. बिसाहू दास महंत जी जयंती पर एक कार्यक्रम में ज्योत्सना महंत शिरकत कर रहीं थीं. इस दौरान चुनाव प्रचार समेत कई मुद्दों पर उन्होंने बात की है. इस बार के चुनाव को ज्योत्सना महंत ने मुद्दों की लड़ाई बताया है.
सवाल : बिसाहू दास महंत की जयंती पर किस तरह का कार्यक्रम आपने रखा था, इस आयोजन के बारे में बताइए.
जवाब : बिसाहू दास महंत जी की आज 100 वी जयंती हमने मनाई और यह महंत परिवार का एक पारिवारिक कार्यक्रम था. जिसमें हमने पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों को बुलाया था. रायपुर से लेकर बस्तर तक, सभी लोगों ने बाबूजी से जुड़े संस्मरण सुनाए. मैंने तो उन्हें कभी देखा नहीं है. लेकिन उनके बारे में मैं जो लोगों से सुनती हूं. वही अपने मन में उतारती हूं और उसके हिसाब से ही चलती हूं.
सवाल : आपने राजनीति का वह पुराना दौर भी देखा है और आप आज भी राजनीति कर रही हैं, तब और अब के दौर में क्या परिवर्तन आप देखती हैं ?
जवाब : देखिए पहले की राजनीति बड़ी साफ सुथरी और बड़ी अच्छी हुआ करती थी. लोगों को घर से बुलाकर टिकट दिया जाता था. कोई लालच नहीं था और ये कोई व्यापार नहीं था. लेकिन अब लोगों ने राजनीति को व्यापारिक रूप दे दिया है. राजनीति का मतलब है जनता के हित में काम करना. मैं और चरणदास महंत जी सदैव बिसाहू दास महंत जी के दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं. हम लोग आज की राजनीति से दूर हैं. हम उनके द्वारा सिखाई गई राजनीति के आधार पर चल रहे हैं. एक जनप्रतिनिधि बनकर लोगों की सेवा कर रहे हैं.
सवाल : अभी जब आप चुनाव प्रचार करने जा रही हैं, तो लोग आपसे क्या कह रहे हैं, वह कौन से चुनावी मुद्दे हैं?
जवाब : देखा जाए तो कोरबा क्षेत्र के ग्रामीण काफी भोले-भाले और एक दूसरे से प्यार करने वाले हैं. मुझे बहुत प्रेम मिल रहा है, आशीर्वाद मिल रहा है. यहां के लोगों से हमारा व्यक्तिगत पारिवारिक रिश्ता रहा है. सन 1997 से महंत जी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. पहले जांजगीर से लड़े, फिर क्षेत्र बदलने के बाद कोरबा लोकसभा से लड़े, कोरबा पहले जांजगीर के अंतर्गत ही आता था. सभी हमें यहां एक पारिवारिक सदस्य के रूप में स्वीकारते हैं और मैं तो एक साधारण महिला हूं. सामाजिक सेविका के रूप में उनके बीच गई थी.मुझे भाभी, मां, दीदी ऐसा कहकर लोग मुझे प्यार देते हैं.