सरगुजा : अम्बिकापुर से रेनुकूट रेल लाइन का सर्वे कंप्लीट हो चुका है. जल्द ही अम्बिकापुर से बरवाडीह, अम्बिकापुर से रेनुकूट और अम्बिकापुर से म्योर तक का रेल लाइन की सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड के सामने होगी. उम्मीद की जा रही है कि इनमें से किसी एक मार्ग पर रेल लाइन निर्माण की स्वीकृति मिल जाएगी. यदि ऐसा हुआ तो वर्षो से रेल सुविधाओं से वंचित सरगुजा को एक साथ दो बड़ी सौगात मिलेगी. अम्बिकापुर से रेनुकूट तक रेल लाइन का सर्वे होने के साथ ही रेल मंत्रालय ने अम्बिकापुर से कोरबा तक रेल लाइन के सर्वे की स्वीकृति दे दी है.
अंबिकापुर कोरबा रेललाइन से क्या होगा फायदा :अंबिकापुर से कोरबा रेल लाइन अगर बन जाती है तो इससे सरगुजा वासियों के लिए राजधानी रायपुर जाना बेहद आसान हो जाएगा. वहीं कोरबा सहित अम्बिकापुर से रेनुकूट रेल लाइन भी बन गई तो रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्से के लोगों को बनारस और उत्तरप्रदेश के दूसरे शहरों में आने जाने में काफी आसानी हो जाएगी. वर्तमान में अम्बिकापुर से रायपुर जाने के लिए करीब 12 से 13 घंटे का समय लगता है. ट्रेन पहले मध्यप्रदेश जाती है. फिर अनूपपुर जंक्शन से वापस छत्तीसगढ़ में प्रवेश करती है. लेकिन कोरबा रेल लाइन बनने से रायपुर तक का सफर आधे समय में करीब 6 घंटे में ही तय किया जा सकेगा.
कोरबा अंबिकापुर रेनुकूट रेललाइन का सर्वे (ETV Bharat Chhattisgarh) रेल विस्तार के लिये संघर्ष करने वाली समिति ने रेलवे से जानकारी प्राप्त कर ये समझाने की कोशिश की है कि सरगुजा के लिए बरवाडीह रेल लाइन की तुलना में रेनुकूट रेल लाइन ज्यादा प्रासंगिक है. इसकी स्वीकृति मिलने में भी ज्यादा समस्या नहीं आनी है. क्योंकि रेलवे के नियमों के अनुसार रेनुकूट रेल लाइन की राह आसान नजर आ रही है. अम्बिकापुर से रेनुकूट रेल लाइन अगर मिल जाती है तो राजधानी दिल्ली की दूरी भी कम हो जाएगी. रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य मुकेश तिवारी बताते हैं कि " रेलवे ने EIRR का मानक न्यूनतम 14% अनिवार्य किया है जो कि इन बिंदुओं के आधार पर निकलता है.
कोरबा अंबिकापुर रेनुकूट रेललाइन से बदलेगी किस्मत (ETV Bharat Chhattisgarh) - यात्रा के समय की बचत- गाड़ियों के परिचालन लागत की बचत - सड़कों पर ट्रैफिक कम- रोड एक्सीडेंट में कमी - सड़क मार्गों में जनसंख्या कमक्या होगा फायदा ?: अगस्त 2017 में सरकार (कैबिनेट कमिटी) ने Appraisal Guidelines for Rail Project Proposal मंजूर किया था. जिसमें EIRR को 14% या इससे अधिक होने चाहिए जो कि guidline में लिखा है. अम्बिकापुर से रेनुकूट की ओर बनने वाली रेल लाइन का EIRR +19.50% है जो कि तय गाइडलाइन से 4.50% अधिक है. सर्वे में ये भी लिखा है कि यदि भविष्य में अम्बिकापुर रेनुकूट रेलमार्ग में कोल परिवहन होता है तो FIRR जो कि 5.51% है वह 15% से अधिक होगा.
अम्बिकापुर रेणुकूट नई रेललाइनलागत : 8217 करोड़ (दोहरी लाइन) FIRR : +5.51%EIRR : +19.50% (बेस रेट 15% से ज्यादा) 15% लाभ (अम्बिकापुर रेनुकूट)
अम्बिकापुर बरवाडीह नई रेल लाइन
लागत : 9030 करोड़
FIRR : -0.52% (नकारात्मक)
EIRR : 3.81% (बहुत कम)
-0.52% हानि (अम्बिकापुर बरवाडीह)
- बहुत ज्यादा सड़क मार्ग ट्रैफिक नहीं है
- इस क्षेत्र की आबादी तुलनात्मक तौर पर कम है.
- इस मार्ग में यात्रा करने वाले या मालवाहक गाड़ियों का परिचालन कम है.
-इसी कारण EIRR न्यूनतम 14% भी नहीं आ रहा है
अम्बिकापुर बरवाडीह लाइन से सरकार को हर वर्ष कुल खर्च का -0.52% हानि होगी. जबकि अम्बिकापुर रेनुकूट मार्ग में लगभग 15% का लाभ होगा. अम्बिकापुर रेणुकूट रेलमार्ग का EIRR 19.50% है जो कि तय मानक से 5.50% ज्यादा है. यानी यह मार्ग इन सभी शर्तों के अनुकूल है, जबकि बरवाडीह मार्ग का EIRR मात्रा 3.81% है, यानी लगभग कोई भी शर्तें पूरी नहीं हो रही.
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