कोलकाता रेप मर्डर केस में कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी को लिया आड़े हाथ, पद छोड़ने की उठाई मांग - Kolkata Doctor Rape Murder Case - KOLKATA DOCTOR RAPE MURDER CASE
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप मर्डर केस मामले में पूरे देश में डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीत भाजपा नेता व मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की तीखी आलोचना करते हुए उनसे पद छोड़ने की मांग की है.
कैलाश विजयवर्गीय ने की ममता बनर्जी की आलोचना (ETV Bharat)
इंदौर: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद हत्या की घटना के विरोध में आज जहां देशभर में डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया वहीं पश्चिम बंगाल के प्रभारी रहे भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले में ममता बनर्जी की तीखी आलोचना की है. शुक्रवार को इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान विजयवर्गीय ने कहा- "पश्चिम बंगाल में महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद महिला के साथ बलात्कार हो रहा है लेकिन ममता बनर्जी बेशर्मों की तरह बलात्कारियों के साथ खड़ी हुई हैं इसकी जितनी निंदा की जाए कम है."
कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी को लिया आड़े हाथ (ETV Bharat)
गौरतलब है 8 अगस्त को कोलकाता में ट्रेनिंग डॉक्टर के साथ हुई घटना के बाद जहां पश्चिम बंगाल सरकार कटघरे में है वहीं भाजपा अब इस घटना के लिए सीधे तौर पर ममता बनर्जी सरकार की कानून व्यवस्था पर तीखे हमले कर रही है. इस मामले में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि "ममता बनर्जी को अब पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि पश्चिम बंगाल में अराजकता है".
इंदौर में स्वास्थ्य सेवाएं हुईं प्रभावित, 17 और 18 को भी बंद
इंदौर में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन समेत, मध्यप्रदेश मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन, नर्सिंग होम, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, अरविंदो मेडिकल कॉलेज, सभी पैथोलॉजी सोनोग्राफी इन्वेस्टिगेशन सेंटर, सभी स्पेशलिटी एसोसिएशन, डेंटल एसोसिएशन, आयुर्वेद सम्मेलन, मेदांता, अपोलो, जुपिटर, चोइथराम, बॉम्बे, शेल्बी, कोकिलाबेन हॉस्पिटल, फैमिली फिजिशियन, जनरल प्रेक्टिशनर, फिजियोथैरेपिस्ट व अन्य सभी संगठनों ने इस घटना के विरोध में बंद का समर्थन किया है. वहीं कल 17 अगस्त शनिवार प्रातः 6 बजे से 18 अगस्त रविवार प्रातः 6 बजे तक कामबंद हड़ताल का ऐलान किया गया है. हालांकि बीते दो दिनों से जूनियर डॉक्टर सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी स्वास्थ्य सेवाएं को पूरे तरीके से बंद किए हुए हैं. जाहिर इसका खामियाजा इंदौर के मरीज और जरूरतमंद लोगों को भुगतना पड़ रहा है.