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16 महीने की बेटी की परवरिश के साथ-साथ पूरे जिले की बागडोर संभाल रही है ये अफसर मां, मदर्स डे पर जानिए कोडरमा डीसी की खास कहानी - Mothers Day

Koderma DC Megha Bhardwaj. मां को किसी शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, मां को ईश्वर से भी ज्यादा महत्व दिया जाता है. मदर्स डे पर आज एक ऐसी ही मां के बारे में बात करते हैं. जो मां का फर्ज तो निभा ही रही हैं. साथ ही पूरे जिले के विकास का जिम्मा भी उन्हीं के कंधे पर है. हम बात कर रहे हैं कोडरमा की उपायुक्त मेघा भारद्वाज की.

Koderma DC Megha Bhardwaj
ईटीवी भारत डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 12, 2024, 9:09 AM IST

अफसर मां की कहानी (ईटीवी भारत)

कोडरमा : आज मदर्स डे है और उन सभी माताओं का दिन है जो अपने बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देती हैं. आज हम आपको कोडरमा की उपायुक्त मेघा भारद्वाज के रूप में एक ऐसी मां की कहानी बताएंगे, जो अपनी 16 महीने की बेटी के पालन-पोषण के साथ-साथ कोडरमा को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में लगातार लगी हुई हैं.

मां को किसी शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, मां के प्यार के आगे भगवान भी झुक जाते हैं. शब्द भले ही छोटा लगे, लेकिन इसमें दुनिया बसती है. आज मदर्स डे है, उन सभी माताओं को सलाम जिन्होंने पूरा दिन घर पर रहकर अपने बच्चों की परवरिश में बिताया, वहीं कुछ माताओं ने अपनी जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपने बच्चों की भी परवरिश की.

2016 बैच की आईएएस मेघा भारद्वाज कोडरमा की 24वीं उपायुक्त के रूप में जिले को विकास के पथ पर आगे ले जा रही हैं, साथ ही अपनी 16 माह की बेटी सिया की भी अच्छे से परवरिश कर रही हैं. मेघा भारद्वाज के पति आईएएस लोकेश मिश्रा फिलहाल खूंटी के डीसी हैं.

मेघा भारद्वाज हजारीबाग एसडीओ, पलामू डीडीसी और संयुक्त सचिव के पद पर रहने के बाद अब कोडरमा जिले की कमान संभाल रही हैं. उन्होंने देश की सभी माताओं को मदर्स डे की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बेटी के जन्म के बाद उन्हें अपनी मां और मां के प्यार को करीब से समझने का मौका मिला. बेटी को खाना खिलाना, उसके लिए लोरी गाना और उसके साथ खेलना दिन भर की सारी थकान दूर कर देता है.

डीसी मेघा भारद्वाज ने बताया कि पिछले 6 महीने से जब भी वह अपने सरकारी आवास से बाहर होती हैं तो अपनी बेटी से मिलने का इंतजार करती हैं. अपनी बेटी से मिलने की इच्छा उन्हें कम समय में अधिक काम करने की ऊर्जा देती है, जो एक सकारात्मक पहलू है.

उन्होंने बताया कि इस समय चुनावी माहौल में काफी काम है, ऐसे में अगर उन्हें समय नहीं मिलता तो वह अपनी बेटी सिया को अपने ऑफिस बुला लेती हैं और वहां उसके साथ कुछ समय बिताने के बाद अपने काम में लग जाती हैं.

डीसी मेघा भारद्वाज की अनुपस्थिति में सिया की देखभाल मुन्नी करती हैं, जो उनके साथ उनके आवास में रहती हैं. घर से निकलते समय डीसी पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी बेटी को मुन्नी को सौंपकर चली जाती है, जो दिन भर उसका खूब ख्याल रखती हैं. मुन्नी ने बताया कि मैडम को समय कम मिलता है, लेकिन वह अपने काम से जो भी समय निकाल पाती हैं, वह सारा समय अपनी बेटी के साथ बिताती हैं.

एक मां का अपने बच्चों के प्रति प्यार और समर्पण को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, लेकिन जिस तरह से उपायुक्त मेघा भारद्वाज पूरे जिले की बागडोर संभालते हुए अपनी बेटी सिया का ख्याल रखती हैं. वह भी मां का एक अलग ही रूप और समर्पण प्रतीत होता है.

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