बीकानेर. घर और दुकान, प्रतिष्ठान, फैक्ट्री या ऑफिस में अक्सर गणपति जी की मूर्ति या तस्वीर मुख्य दरवाजों पर लगाते देखा होगा. वास्तु के अनुसार यह शुभ माना गया है. प्रसिद्ध वास्तुविद राजेश व्यास कहते हैं कि मुख्य दरवाजे पर भगवान गणेश जी की प्रतिमा लगाने के नियम हैं, जिनका सभी को पालन करना चाहिए.
गणेश सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माने जाते हैं. यही वजह है कि हर कार्य में सबसे पहले उनकी आराधना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि विघ्नहर्ता गणेश जिससे भी प्रसन्न होते हैं उनके जीवन में कभी भी कोई समस्या नहीं आती.
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मुख्य द्वार पर गणेश प्रतिमा की दिशा :वास्तु में दिशा का बहुत महत्व है. ऐसे में घर के मुख्य दरवाजे पर गणपति जी की प्रतिमा लगाने की दिशा का ध्यान रखना चाहिए. इसके लिए आपके घर के मुख्य दरवाजे का मुंह उत्तर या दक्षिण दिशा में होता है या पूर्व या पश्चिम दिशा में है तो वहां वैदिक गणेश प्रतिमा ही लगानी चाहिए.
कैसे लगाएं गणेश जी की प्रतिमा ? : वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर वैदिक गणेश जी की प्रतिमा लगा रहे हैं तो अंदर भी उनकी स्थापना करें. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि प्रतिमा का मुख अंदर की तरफ भी होना चाहिए.
दरवाजे पर किस रंग के गणेश जी हो? :वास्तु शास्त्र के अनुसार, परिवार की तरक्की चाहते हैं तो सिंदूरी अथवा सफ़ेद रंग के गणेश जी विराजित करने चाहिए. ऐसा करने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
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गणेश जी की सूंड : घर के मुख्य दरवाजे पर गणेश जी की प्रतिमा लगाने से पहले भगवान की सूंड की दिशा अवश्य देखें. इस स्थिति में गणपति बप्पा की सूंड बायीं तरफ मुड़ी होनी चाहिए. दाईं तरफ मुड़ने वाली सूंड घर के अंदर शुभ है, लेकिन घर के मुख्य दरवाजे पर बायीं तरफ सूंड ही शुभ रहती है.
गणेश जी की मुद्रा :वस्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे पर गणेश जी की प्रतिमा बैठी हुई मुद्रा में होनी चाहिए. घर के दरवाजे के बाहर खड़ी हुई मुद्रा वाली गणेश प्रतिमा लगाना शुभ फल नहीं देता हैं.