पटना:नीट परीक्षा पेपर लीक मामला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. शिक्षा मंत्रालय ने ईओयू से अब तक के जांच में जो कुछ भी साक्ष्य निकलकर सामने आया है, उसे मांगा है. पटना पुलिस ने 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्हीं से पूछताछ में कई अहम सुराग सामने आए हैं.
कौन हैं नीट पेपर लीक कांड के गुनहगार:इन 19 गिरफ्तार लोगों में चार अभ्यर्थी हैं. इसमें अभिषेक कुमार 21 वर्ष, शिवनंदन कुमार 19 वर्ष, आयुष राज 19 वर्ष और अनुराग यादव 22 वर्ष अभ्यर्थी हैं. बाकी 9 में परीक्षा माफिया और अभ्यर्थियों के अभिभावक हैं. नीट परीक्षा के अनुसंधान में यह बात सामने निकल कर आई है कि पुराने परीक्षा माफियाओं ने ही इस परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक किया है.
सबसे पहले तीन लोग चढ़े थे हत्थे: पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले सिकंदर यादवेंदु, अखिलेश और बिट्टू को गिरफ्तार किया. इसके बाद कड़ी से कड़ी जुड़ती गई और 5 मई को देर रात तक पुलिस ने 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पटना पुलिस को झारखंड पुलिस से नीट परीक्षा में पेपर लीक का इनपुट मिला था.
एडमिट कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य कागजात मिले: 5 मई को सुबह से ही पटना पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी. सबसे पहले पुलिस ने सिकंदर को गिरफ्तार किया. गाड़ी को रोहतास का बिट्टू चला रहा था और गाड़ी के पीछे अखिलेश कुमार बैठा हुआ था. जांच में पुलिस को नीट परीक्षा के कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य कागजात मिले.
कौन हैं नीतीश और अमित: इस पूरे पेपर लीक मामले में गया का रहने वाला नीतीश कुमार और मुंगेर का अमित आनंद छोटे लेवल के परीक्षा माफिया हैं. इनका सभी बड़े परीक्षा माफियाओं से साठ-गांठ होता है. यह दोनों इन बड़े परीक्षा माफियाओं के लिए काम करते हैं. बड़े परीक्षा माफियाओं से अभ्यर्थियों की यह डीलिंग करते हैं और बीच का मोटा कमीशन लेते हैं. यह अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों तक लीक हुए प्रश्न पत्र और उसका उत्तर उपलब्ध करवाते हैं. इसके लिए वह जगह ढूंढते हैं जहां पर अभ्यर्थियों को बैठाकर प्रश्न पत्र और उत्तर रटवाते हैं. इस प्रकरण में भी इन तीनों की यही उनकी भूमिका थी. दोनों मिलकर काम करते हैं.
कौन हैं आशुतोष और रौशन: पटना का रहने वाला आशुतोष कुमार और और नालंदा का रहने वाला रौशन कुमार अमित और नीतीश के लिए काम करते हैं. दोनों लाइनर की भूमिका निभाते हैं. यह दोनों कैंडिडेट ढूंढते हैं और अमित और नीतीश तक पहुंचाते हैं. इसके बीच का अपना कमीशन रखते हैं. अभ्यर्थियों को नीतीश तक पहुंचाने और उसके बाद प्रश्न पत्र की तैयारी के बाद विशेष जगह से अभ्यर्थियों को उनके सेंटर तक पहुंचाने का इनका काम होता है. इस प्रकरण में भी इनकी यही भूमिका रही.