बिहार

bihar

ETV Bharat / state

राहुल गांधी का 'बिहार प्लान' समझिए, 82% वोट बैंक को 'हथियार' बनाकर 'बैसाखी' से पार पाना चाहती है कांग्रेस - RAHUL GANDHI PLAN FOR BIHAR

बिहार विधानसभा चुनाव में किसकी जीत होगी, यह तो बाद में पता चलेगी लेकिन अभी से ही प्लानिंग शुरू हो गई है. पढ़ें यह खबर.

Rahul Gandhi Plan For Bihar
राहुल गांधी का बिहार प्लान (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 6, 2025, 8:16 AM IST

पटना:बिहार चुनावी मोड में आ चुका है. अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ही जोर आजमाइश शुरू हो गई है. कांग्रेस भी पूरी दमखम के साथ इस बार चुनाव में उतरना चाहती है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक महीने के अंदर दो बार राहुल गांधीपटना आ चुके हैं.

35 साल पहले चलता था कांग्रेस का सिक्का : एक दौर था जब बिहार में कांग्रेस एकछत्र राज किया करती थी. वो दौर 1990 से पहले का था. मतलब 35 साल पहले. हालांकि लालू यादव की जब बिहार में धमाकेदार एंट्री हुई तो कांग्रेस पीछे खिसकते चली गई.

देखें रिपोर्ट (Etv Bharat)

RJD की बैसाखी पर कांग्रेस! : वक्त ने कुछ ऐसी करवट ली कि बिहार में कांग्रेस को आरजेडी का सहारा लेना पड़ा. लोग तो यहां तक कहने लगे कि बिना लालू की बैसाखी के कांग्रेस बिहार में आगे नहीं बढ़ सकती है. इस मिथक को तोड़ने की कई बार कोशिश हुई पर बार-बार असफलता ही हाथ लगी.

राहुल गांधी की जाति वाली राजनीति :राहुल गांधी इस मिथक को तोड़ने की कोशिश में लगे हैं. उनकी कोशिश है कि बिहार कांग्रेस की पुश्तैनी जमीन को फिर से वापस लाया जाए. इसको ध्यान में रखते ही राहुल गांधी जाति वाली राजनीति को अपना हथियार बनाना चाहते हैं. अब यह हथियार क्या है इसे समझने की जरूरत है.

ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलित का कॉकटेल :दरअसल, राहुल गांधी बिहार में पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलित वोट बैंक का कॉकटेल बनाना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने जातिगत जनगणना का सहारा लिया है. बिहार की जातिगत जनगणना को राहुल गांधी ने एक सिरे से खारिज किया है.

बिहार में 82% वोट पर राहुल गांधी की नजर : बता दें कि बिहार में अति पिछड़ों की आबादी जहां 36 प्रतिशत है. वही पिछड़ों की आबादी 27 प्रतिशत है. दलितों के अगर बात कर लें तो बिहार में 19 प्रतिशत आबादी दलितों की है. कुल मिलाकर 82 प्रतिशत वोट बैंक को राहुल गांधी साधना चाहते हैं.

''यह जरूर है कि राहुल गांधी दलित, अति पिछड़ा और पिछड़ों का कॉकटेल बनाना चाहते हैं. लेकिन उनके लिए राह आसान नहीं होगा. लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी शासन में रही थी और शासन में रहते हुए पार्टी ने इन वर्गों के लिए कुछ खास नहीं किया था. अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी को आईना भी दिखाया है. देखना होगा कि राहुल गांधी का प्रयोग कितना सफल होता है.''-प्रवीण बागी, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक

पासी समुदाय को संदेश :राहुल गांधी जातिगत जनगणना को जहां मास्टर स्ट्रोक मानते हैं. वहीं बिहार में प्रयोग के लिए राहुल गांधी ने फार्मूला तैयार कर लिया है. दलित समुदाय से आने वाले जगलाल चौधरी की जयंती में आकर राहुल गांधी ने पासी समुदाय को भी संदेश देने की कोशिश की है. आपको बता दें कि बिहार में 1.8 प्रतिशत आबादी पासी समुदाय की है. राहुल गांधी ने कहा कि हम जातिगत जनगणना कराकर यह देखने की कोशिश करेंगे कि किस जाति की भागीदारी कितनी है. व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के अलावा कॉर्पोरेट में भी हम दलितों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे.

''दलितों की भागीदारी लगातार कम की जा रही है. आउटसोर्सिंग में दलितों को जगह नहीं मिलती है. संविदा पर भी दलित उपेक्षित रह जाते हैं. यह लड़ाई हम आगे जारी रखेंगे. विधानसभा चुनाव में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा.''- राजेश राम, विधायक, कांग्रेस पार्टी

आरक्षित सीटों पर कांग्रेस की नजर : दलितों को अपने पक्ष में गोलबंद कर कांग्रेस पार्टी की नजर बिहार के आरक्षित सीटों पर है. बिहार में कुल 38 विधानसभा के आरक्षित सीट हैं. फिलहाल बिहार में विधानसभा की 4 आरक्षित सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. राजापाकर ,चेनारी ,राजपुर और कुटुंबा विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में है.

2025 में अधिक सीटों पर लड़ना चाहती है कांग्रेस ! :2020 के विधानसभा चुनाव में बिहार में महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस पार्टी को 70 सीटें मिली थी जबकि 19 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को जीत हासिल हुई थी. 2025 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी बिहार में अधिक हिस्सेदारी चाहती है. लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन को आधार बनाकर कांग्रेस पार्टी दावा करने की तैयारी में भी है. बता दें कि 2010 वे विधानसभा चुनाव परिणाम में कांग्रेस 4 सीटों पर सिमट गई थी. जबकि 2015 में कांग्रेस 27 सीटें जीती थी.

किस आधार पर कांग्रेस कर रही ज्यादा डिमांड : अब सवाल उठता है कि आखिर किस आधार पर कांग्रेस ज्यादा सीटों की चाह रख रही है. दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने सीटों के बंटवारे के आधार पर राष्ट्रीय जनता दल से बेहतर प्रदर्शन किया था. पार्टी को तीन सीटें मिली थी. पप्पू यादव को अगर जोड़ लें तो आंकड़ा चार पहुंच जाता है. कांग्रेस पार्टी ने सासाराम कटिहार और किशनगंज सीट पर जीत हासिल की थी. दलित के लिए आरक्षित सीट पर कांग्रेस पार्टी का लोकसभा चुनाव के दौरान बेहतर प्रदर्शन रहा था.

अल्पसंख्यक वोट को लेकर राहुल बेपरवाह! :बिहार में 18 फीसदी आबादी मुस्लिम वोटरों की है. कहा जा रहा है कि मुस्लिम वोट बैंक को लेकर राहुल गांधी गंभीर नहीं हैं. राहुल की नजर दलित वोट बैंक पर है. दलितों के साथ राहुल गांधी अति पिछड़ों को भी जोड़ना चाहते हैं.

ये भी पढे़ं:

'मंत्री बना देने से क्या होगा..कमान तो RSS का ही होता है' राहुल ने एक साथ कई मोर्चों पर मोदी सरकार को घेरा

पटना में ये क्या बोल गए राहुल गांधी.. टेंशन में RJD!

ये क्या..! जिनकी जयंती में आए राहुल गांधी, उनका ही नाम भूल गए

जगलाल चौधरी के बेटे भूदेव को राहुल गांधी के मंच पर नहीं मिली जगह, जयंती सभा में छलका दर्द

ABOUT THE AUTHOR

...view details