नई दिल्ली:मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश किया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज करीब 2 घंटे लोकसभा में बजट भाषण पढ़ा. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के बजट पर देश भर के व्यापारियों को काफी उम्मीद थी. जैसे इनकम टैक्स, बैंक लोन, पेट्रोल डीजल की कीमतों और जीएसटी में कोई रियायत दी जाएगी.ऐसे में आइये जानते हैं इस बार के आम बजट से दिल्ली के व्यापारी कितने संतुष्ट हैं...
भारतीय व्यापार मंडल के महामंत्री हेमंत गुप्ता का मानना है कि सरकार ने अपने बजट 2024-2025 में खाद्य, तेल और तलहनों पर अधिक खर्च करने की बात कही है. यह अच्छी बात है. इसके उत्पादन पर खर्च बढ़ेगा तो आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. लेकिन व्यापारियों की मांग थी कि तेल पर वसूली जाने वाली आयात ड्यूटी को बढ़ाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अगर सरकार इस बात का ध्यान रखती तो देश के किसानों को घरेलू उत्पाद को सहायता मिलती. साथ ही इस बार भी बजट में इनकम टैक्स में कुछ खास रियायत नहीं दी गई. वेतनभोगी कर्मचारियों को स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 से बढ़ाकर 75,000 किया गया है. वहीं इस बार बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने की बात कही गई है. अब देखना होगा सरकार पुरानी दिल्ली के बाज़ारों में किस तरह का सुधार करती है.
सरोजिनी नगर मिनी मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान अशोक रंधावा ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट से छोटे दुकानदारों को काफी उम्मीदें थी. लेकिन इस बार के बजट से केवल निराशा हाथ लगी है. उम्मीद थी कि कपड़ों की बिक्री में GST रेट पर कुछ छूट मिलेगी. इसके अलावा यह भी उम्मीद थी छोटे दुकानदारों को स्वास्थ्य संबंधी बीमा की सुविधा और बैंक से लोन लेने में कुछ रियायत दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह बजट सुनने में अच्छा है लेकिन जमीनी स्तर पर ठीक नहीं है. बजट पेश करते समय वित्त मंत्री बोलीं महंगाई कम हुई है, जबकि हकीकत इसके विपरीत है.
कश्मीरी गेट स्थित ऑटोमोटिव पार्ट्स मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विनय नारंग ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी मोटर पार्ट्स व्यापारी निराश हुए हैं. इस बार इनकम टैक्स में कुछ फेर बदल किए गए हैं, लेकिन इससे किसी भी व्यापारी की कोई राहत नहीं मिली है. इससे केवल नौकरीपेशा लोगों को फायदा होगा. वहीं, MSME में बैंक को ज्यादा ताकत दी गयी है, ताकि बैंक छोटे व्यापारियों को अच्छे से लोन मुहिया करा सके. लेकिन इसमें ब्याज दर का कही भी जिक्र नहीं है. यह बजट एक लोली पॉप बजट है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब बजट में व्यापारियों को दरकिनार किया गया है.