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बहराइच हिंसाः चश्मदीद लड़की और शख्स से सुनिए, क्या सोची-समझी साजिश का नतीजा था उपद्रव?

हिंसा के तीसरे दिन जिले में शांति, धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है जीवन, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात

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बहराइच हिंसा. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 16, 2024, 6:09 AM IST

Updated : Oct 16, 2024, 8:01 AM IST

बहराइच:जिले के महसी महाराजगंज बाजार में रविवार को शुरू हुई हिंसा लगातार दो दिनों तक जारी रही. इस दौरान आगजनी और तोड़फोड़ की गई. हिंसा के तीसरे दिन जिले में शांति है. धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट रही है. जिले में पुलिस का पहरा है. हालांकि हिंसा के निशां अब भी मौजूद हैं और यहां के लोग सहमे हुए हैं. पुलिस और प्रशासन स्थिति सामान्य करने की कोशिश कर रहा है.

छत पर अभी खून के निशानःबता दें कि हिंसा के दौरान रामगोपाल मिश्रा ने एक छत पर चढ़कर झंडा उतार दिया था और जयश्रीराम के नारे भी लगाए थे. इसके बाद रामगोपाल की हत्या कर दी गई थी. जिस छत पर रामगोपाल चढ़े थे, वहां पर अभी भी खून के निशान और खाली कारतूस हैं. हिंसा में घायल सरोज तिवारी के भाई संतोष तिवारी घटना वाले दिन मौके पर थे. संतोष तिवारी ने बताया कि जब मूर्ति इधर आई तो विशेष समुदाय के लोगों ने डीजे बंद करने को कहा. इस पर हम लोगों ने कहा, रोक क्यों लगा रहे हो. जब हम लोग तुम्हारे पर्व में को रोक नहीं लगाते. तो दूसरे पक्ष के लोगों ने कहा, हम मारेंगे और धमकी दी. उन्होंने बताया कि घायल भाई का इलाज लखनऊ में चल रहा है, उनका स्वास्थ अभी सही नहीं है.

बहराइच हिंसा के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया उस दिन का हाल. (Video Credit; ETV Bharat)

दीवार के पीछे से चलाई गई गोलीःप्रत्यक्षदर्शी एक लड़की ने बताया कि उस दिन जुलूस निकल रहा था तभी विशेष समुदाय के लोग मस्जिद के पास एकत्रित हो गए और मां दुर्गा की मूर्ति के ऊपर पथराव शुरू कर दिया. इसके बाद हिंदू समाज के लोग सब एकट्ठा हो गए. जब पथराव करने वाले लोगों को पकड़ने की कोशिश की तो भाग गए. इसके बाद छत पर चढ़कर कांच और पत्थर फेंके. इसी बीच एक युवक ने छत पर चढ़कर झंडा बदलने की कोशिश की. दीवार के पीछे विशेष समुदाय के परिवार के लोग ने उसको उसको गोली मार दी तो वह नीचे गिर गया. इसके बाद युवक को घसीट को घर में ले गए और उसके नाखून उखाड़कर बेरहमी से हत्या क दी. लड़की ने बताया कि जिस घर में हत्या हुई, वहां चार लड़के और उनके मां बाप मौजूद थे. इसके अलावा और भी बहुत लोग थे. आरोपी के छत पर तमाम कांच की बोतले ईट भारी संख्या में रखे हुए थे. जिसको देखकर यह लग रहा है कि जो हिंसा हुई है पहले से सुयोजित तरीके से की गई है.

इसी जगह पर भड़की थी हिंसा. (Photo Credit; ETV Bharat)

हिंसा से पहले मंगवाए थे कारतूसःप्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आरोपियों का महाराजगंज बाजार में दबदबा है और उनके पास लाइसेंसी बंदूकें भी हैं. हिंसा के दो तीन दिन पहले 30 से 35 कारतूस मंवाया था. मूर्ति विसर्जन वाले दिन सुबह आरोपी बंदूक की नाल भी साफ कर रहा था. आरोपी दबंग प्रवृति के हैं.

इसी छत पर रामगोपाल की हुई थी हत्या. (Photo Credit; ETV Bharat)

दशहत के बाद पटरी पर लौट रही जिदंगीःमहाराजगंज बाजार में हिंसा के बाद हुई मौत और आगजनी के चलते इस कदर दहशत व्याप्त है कि लोग सामान्य जनजीवन की तरफ बढ़ नहीं पा रहे हैं. मुख्य बाजार में सारी दुकानें बंद है. तोड़फोड़ आगजनी के बाद यहां का जो मलबा है, उसे नगरपालिका के कर्मचारियों द्वारा साफ करवाया जा रहा है. प्रशासन द्वारा लगातार क्षेत्र में पुलिस बल के साथ काफिला थोड़ी-थोड़ी देर पर निकलता रहता है. थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पुलिस के लोग बैठे नजर आ रहे हैं. ताकि लोगों के मन में जो भय व्याप्त है, वह खत्म हो सके. सीडीओ मुकेश चन्द्र ने बताया कि यहां शांति व्यवस्था प्रभावित हुई थी. इससे जो नुकसान हुआ, उसका निरीक्षण कर रहे हैं. सफाई कराई जा रही है. क्या-क्या नुकसान हुआ देखा जा रहा है. साथ ही कस्बे के लोगों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.


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Last Updated : Oct 16, 2024, 8:01 AM IST

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