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विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 80 लाख की ठगी, तीन साइबर ठग गिरफ्तार - THREE CYBER THUGS ARRESTED

वाराणसी साइबर पुलिस ने नोएडा से इंटरस्टेट साइबर ठग गैंग के तीन सदस्यों को धर दबोचा

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पुलिस की गिरफ्त में तीन साइबर ठग (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2025, 10:56 PM IST

वाराणसी: विदेशों में आकर्षक पैकेज पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर 80 लाख की ठगी करने वाले साइबर ठग गिरोह का वाराणसी पुलिस ने खुलसा किया है. इंटर स्टेट ठग गिरोह के सरगना सहित तीन शातिर ठग को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं इनके कब्जे से पुलिस ने भारी मात्रा मे मोबाइल, लैपटाप, कम्प्यूटर, डेक्सटॉप और नकदी बरामद किया है. पकड़े गए साइबर अपराधी का नाम दीपक कुमार, भानु प्रताप व कुनाल विश्वास है. पुलिस ने इन तीनो को नोएडा से गिरफ्तार किया है.

बता दें कि बीते 17 जनवरी को सारनाथ थाना क्षेत्र के रहने वाले अखिलेश कुमार पाण्डेय ने थाना साइबर क्राइम वाराणसी पर शिकायत दर्ज कराई थी कि, साइबर अपराधियों ने उनका डेटा जॉब प्रोवाइडर कंपनी से प्राप्त कर उन्हें एक कंपनी के रिप्रेजेन्टेटिव के तौर पर संपर्क कर उनको आस्ट्रेलिया में नौकरी दिलाने का झांसा दिया. वहीं उनसे कई तरह से फीस और टैक्स का हवाला देकर कुल 80 लाख रूपये की साइबर ठगी कर ली गयी है. इस संबंध में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई.

डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल निर्देश पर एडीसीपी श्रुति श्रीवास्तव व एसीपी गौरव कुमार के नेतृत्व मे एक टीम का गठन किया गया. टीम ने वाराणसी से कॉल सेन्टर संचालक सहित तीन शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल, लैपटाप, कम्प्यूटर, टेलीफोन लैण्डलाइन, वाई फाई राउटर, सिमकार्ड, कस्टमर डेटा सीट और कुछ नगद बरामद किया है.

वहीं डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधियों की ओर से जॉब सीकर्स का डेटा प्राप्त किया जाता है, जिनको ये अपने ऑफिस में काम करने वाले टेलीकालर के जरिए से कॉल कराकर उनका रजिस्ट्रेशन कराकर डाक्यूमेट मंगवा लेते हैं. फिर इनके द्वारा जॉब सीकर्स को विदेशी कंपनियों में उनकी योग्यतानुसार विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के लिए उन्हें फर्जी कूटरचित व फर्जी डिजिटल हस्ताक्षरित ऑफर लेटर भेजकर अपने झांसे में लिया जाता है. जिसके बाद फीस टैक्स के नाम पर फर्जी कंपनी के बैंक खातों में पैसा मंगा लिया जाता है. इसके लिए फर्जी म्यूल बैंक खातों व फर्जी नाम-पते के सिमकार्ड का इस्तेमाल किया जाता था. वहीं इस कार्य के लिए गिरफ्तार साइबर अपराधियों की ओर से नोएडा के सेक्टर 10 में कॉलसेन्टर बनाया गया है.

यह भी पढ़ें: कानपुर में भाजपा नेता की बिल्डिंग में चल रहे हुक्का बार पर पुलिस का छापा, संचालक समेत दो गिरफ्तार

वाराणसी: विदेशों में आकर्षक पैकेज पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर 80 लाख की ठगी करने वाले साइबर ठग गिरोह का वाराणसी पुलिस ने खुलसा किया है. इंटर स्टेट ठग गिरोह के सरगना सहित तीन शातिर ठग को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं इनके कब्जे से पुलिस ने भारी मात्रा मे मोबाइल, लैपटाप, कम्प्यूटर, डेक्सटॉप और नकदी बरामद किया है. पकड़े गए साइबर अपराधी का नाम दीपक कुमार, भानु प्रताप व कुनाल विश्वास है. पुलिस ने इन तीनो को नोएडा से गिरफ्तार किया है.

बता दें कि बीते 17 जनवरी को सारनाथ थाना क्षेत्र के रहने वाले अखिलेश कुमार पाण्डेय ने थाना साइबर क्राइम वाराणसी पर शिकायत दर्ज कराई थी कि, साइबर अपराधियों ने उनका डेटा जॉब प्रोवाइडर कंपनी से प्राप्त कर उन्हें एक कंपनी के रिप्रेजेन्टेटिव के तौर पर संपर्क कर उनको आस्ट्रेलिया में नौकरी दिलाने का झांसा दिया. वहीं उनसे कई तरह से फीस और टैक्स का हवाला देकर कुल 80 लाख रूपये की साइबर ठगी कर ली गयी है. इस संबंध में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई.

डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल निर्देश पर एडीसीपी श्रुति श्रीवास्तव व एसीपी गौरव कुमार के नेतृत्व मे एक टीम का गठन किया गया. टीम ने वाराणसी से कॉल सेन्टर संचालक सहित तीन शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल, लैपटाप, कम्प्यूटर, टेलीफोन लैण्डलाइन, वाई फाई राउटर, सिमकार्ड, कस्टमर डेटा सीट और कुछ नगद बरामद किया है.

वहीं डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधियों की ओर से जॉब सीकर्स का डेटा प्राप्त किया जाता है, जिनको ये अपने ऑफिस में काम करने वाले टेलीकालर के जरिए से कॉल कराकर उनका रजिस्ट्रेशन कराकर डाक्यूमेट मंगवा लेते हैं. फिर इनके द्वारा जॉब सीकर्स को विदेशी कंपनियों में उनकी योग्यतानुसार विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के लिए उन्हें फर्जी कूटरचित व फर्जी डिजिटल हस्ताक्षरित ऑफर लेटर भेजकर अपने झांसे में लिया जाता है. जिसके बाद फीस टैक्स के नाम पर फर्जी कंपनी के बैंक खातों में पैसा मंगा लिया जाता है. इसके लिए फर्जी म्यूल बैंक खातों व फर्जी नाम-पते के सिमकार्ड का इस्तेमाल किया जाता था. वहीं इस कार्य के लिए गिरफ्तार साइबर अपराधियों की ओर से नोएडा के सेक्टर 10 में कॉलसेन्टर बनाया गया है.

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