नई दिल्ली:जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में इन दिनों छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया जारी है. अगर दिल्ली विश्वविद्यालय के मुकाबले देखा जाए तो जेएनयू का चुनाव बहुत अलग है. यह प्रकिया एक महीने से भी अधिक समय में पूरी होती है. बीते दो फरवरी से छात्रसंघ चुनाव को लेकर एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें कहा गया कि अधिसूचना जारी होने के छह से आठ सप्ताह में जेएनयू छात्रसंघ का चुनाव संपन्न होना अनिवार्य है. यह अधिसूचना प्रो. मनुराधा चौधरी की तरफ से जेएनयू स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) को जारी की गई थी.
अधिसूचना जारी होने के तुरंत बाद जेएनयूएसयू छात्रसंघ चुनाव के लिए सक्रिय हो गया. इस प्रक्रिया को शुरू कराने के क्रम में 10 फरवरी को यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग (यूजीबीएम) का आयोजन किया गया, जिसमें कई कई प्रस्ताव पारित किए गए. इनमें प्रमुख रूप से यह प्रस्ताव शामिल था कि कोरोना काल के कारण चार साल से चुनाव न होने से जो छात्र चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित आयु सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें आयु सीमा में दो साल की छूट मिलेगी. फिलहाल जेनएनयू के 13 स्कूलों और सात सेंटरों में जीबीएम कराया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष और संयुक्त सचिव मोहम्मद दानिश को दी गई है. आइए जानते हैं जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया.
कितने पदों के लिए होता है छात्रसंघ चुनाव:दिल्ली विश्वविद्यालय की ही तरह जेएनयू में भी चार पदों के लिए चुनाव होता है. ये चार पद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के होते हैं. इन चार पदों के लिए जेएनयू के छात्र मतदान करते हैं और मतगणना के बाद विजयी प्रत्याशियों की घोषणा की जाती है.
कैसे शुरू होती है चुनाव की प्रक्रिया:छात्रसंघ चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सर्वप्रथम मौजूदा छात्रसंघ के पदाधिकारी, डीन ऑफ स्टूडेंट (डीओएस) कार्यालय को चुनाव कराने के लिए अनुरोध भेजते हैं. इसके बाद डीओएस कार्यालय छात्रसंघ पदाधिकारियों को यूजीबीएम (यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग) कराने की अनुमति देता है. इस बैठक में विश्वविद्यालय के सभी छात्र मौजूद रहते हैं और छात्रसंघ चुनाव में लागू किए जाने वाले नियमों पर चर्चा करते हैं. अगर आयु सीमा में छूट देने सहित या अन्य कोई बदलाव किया जाता है, तो वह इसी बैठक में लिए जाते हैं.