नई दिल्ली: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को अपना कार्यभार संभाल लिया. इसके साथ ही वल भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गईं. पदभार ग्रहण करने के बाद वह विवादों में घिर गईं. उन्होंने बगल में एक कुर्सी लगाकर कहा कि ये केजरीवाल की कुर्सी है. ये यहीं रहेगी. साथ ही उन्होंने केजरीवाल की तुलना भगवान राम से कर दी.
उन्होंने कहा, "आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली है. मेरे मन में वो ही व्यथा है जो भरत के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्रीराम 14 साल के वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन संभालना पड़ा था. जैसे भरत ने 14 साल भगवान श्रीराम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन सम्भाला, वैसे ही मैं 4 महीने दिल्ली की सरकार चलाऊंगी. भगवान राम ने पिता का वचन निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया था. इसीलिए भगवान राम को हम मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं. वह हम सभी के लिए मर्यादा और नैतिकता की मिसाल हैं. राम की तरह केजरीवाल ने नैतिकता और मर्यादा की मिसाल कायम की है."
हालांकि, आतिशी इस तरह के विवाद में पहली बार नहीं घिरी हैं. इससे पहले भी वह कई तरह के विवादों में रहीं हैं. उन विवादों के सहारे पार्टियों ने उनका राजनीतिक नुकसान करने की भी पूरी कोशिश की. लेकिन उन्हें कोई खास नुकसान नहीं हुआ. आइए जानते हैं आतिशी से जुड़े पांच प्रमुख विवादों के बारे में विस्तार से...
उपनाम विवाद: 2018 में 'आप' ने आतिशी को 2019 में होने वाले 17वीं लोकसभा के चुनाव के लिए पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था. उस समय उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से अपना 'मार्लेना' उपनाम हटा दिया. साथ ही उन्होंने सभी प्रचार सामग्री से भी उपनाम हटा दिया. इसको लेकर भाजपा ने कथित तौर पर उपनाम को लेकर उनके क्रिश्चियन होने का अभियान चलाया. इसे लेकर आतिशी ने जवाब दिया कि वह भाजपा को चुनाव में ध्रुवीकरण करने से रोकना चाहती थीं. बताया जाता है कि वह पंजाबी राजपूत हैं. उनके माता-पिता ने कम्युनिस्ट आइकन मार्क्स और लेनिन को श्रद्धांजलि देते हुए उनको मार्लेना उपनाम दिया था.
अफजल गुरु दया याचिका विवाद: राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया था कि आतिशी के माता-पिता ने 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की मौत की सजा को रद्द करने के लिए दया याचिका लिखी थी. इतना ही नहीं आतिशी को डमी सीएम बताया था. उन्होंने एक कथित पत्र भी साझा किया, जिसे उन्होंने आतिशी के माता-पिता द्वारा लिखी गई दया याचिका बताया था.