उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

हल्द्वानी में किताब कौतिक का आयोजन, बुक्स लवर का लगा जमावड़ा - Kitab Kautik

Kitab Kautik organized at haldwani हल्द्वानी के एचएन इंटर कॉलेज में किताब कौतिक का आयोजन किया गया. कौतिक में 70 से अधिक प्रकाशकों की पुस्तकें मौजूद हैं.

PHOTO- ETV BHARAT
फोटो- ईटीवी भारत

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 16, 2024, 3:12 PM IST

Updated : Mar 16, 2024, 5:29 PM IST

हल्द्वानी में किताब कौतिक का आयोजन.

हल्द्वानी:नैनीताल के हल्द्वानी में दो दिवसीय 'किताब कौतिक' का आयोजन शुरू हो चुका है. हल्द्वानी के एचएन इंटर कॉलेज में भव्य आयोजन किया जा रहा है. जहां उत्तराखंड समेत देश-विदेश के जाने-माने लेखकों की किताबों की प्रदर्शनी लगाई गई है. किताब कौतिक में 70 से अधिक प्रकाशकों की पुस्तकें मौजूद हैं.

'किताब कौतिक' के आयोजक हेम पंत ने बताया कि डिजिटल जमाने में लोग अब धीरे-धीरे किताबों से दूरियां बना रहे हैं. ऐसे में लोगों को किताबों और अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए 'किताब कौतिक' मेले कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि करीब एक साल से अधिक समय से 'किताब कौतिक' अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 7 जगहों पर 'किताब कौतिक' मेले का आयोजन किया जा चुका है. हल्द्वानी में आठवां आयोजन किया गया है. जहां बड़ी संख्या में किताब और किताब प्रेमी के साथ-साथ साहित्यकार और लेखक भी पहुंचे हुए हैं.

उन्होंने कहा कि मेले में करीब 75 हजार किताबों का स्टॉल लगाया गया है. इसके अलावा साइंस की वर्कशॉप भी लगाई गई है. 'किताब कौतिक' मेले में विभिन्न लेखकों के साहित्य और उनकी किताबें की प्रदर्शनी लगाई गई है. कई लेखक, साहित्यकार भी यहां पहुंचे हैं, जो मंच के माध्यम से अपने लिखनी के बारे में लोगों को जानकारी देंगे. मेले में छोटे बच्चों को 'किताब कौतिक' के माध्यम से पढ़ने की रुचि जगाने का काम किया जा रहा है. क्योंकि 'किताब कौतिक' के माध्यम से सामाजिक, संस्कृत और नाट्य रूपांतरण अनेक तरीके की बुक्स उपलब्ध कराए गए हैं.

आयोजकों ने बताया कि पिछले एक साल में टनकपुर, बैजनाथ, चंपावत, पिथौरागढ़, द्वाराहाट, भीमताल और नानकमत्ता में 'किताब कौतिक' का सफल आयोजन हो चुका है. जिनमें छात्र, युवा और विभिन्न वर्गों के अब तक 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हो चुके हैं. 'किताब कौतिक' के आयोजन के दौरान 70 से अधिक प्रकाशकों की पुस्तकें उपलब्ध रही हैं. इन पुस्तकों में बाल साहित्य, विज्ञान, पर्यटन, राजनीति, संस्कृति, लोक संस्कृति, आध्यात्मिक साहित्य, पौराणिक साहित्य आदि से संबंधित हर तरह की उपयोगी पुस्तकें आम पाठकों के लिए उपलब्ध हैं.

'किताब कौतिक' मेले में पहुंची लेखक कविता कापड़ी ने बताया कि डिजिटल जमाने में लोग किताबों से दूरियां बना रहे हैं. लोगों ने आजकल किताबें पढ़ना और लिखना छोड़ दिया है. लेकिन किताबें पढ़ना और लिखना एक तरह से मानसिक विकास का काम करता है. किताबें पढ़ने से डिप्रेशन की बीमारी भी खत्म होती है. साथ ही किताबों से मिलने वाली जानकारियां सत्यता पर आधारित होती है. ऐसे में आज के युवा पीढ़ी को अधिक से अधिक किताबें पढ़ने और लिखने में रुचि लेनी चाहिए. इस तरह के आयोजन से लोगों को किताबें खरीदने और पढ़ने का मौका भी मिलता है.

ये भी पढ़ेंःहल्द्वानी में 9 फरवरी से तीन दिवसीय 'किताब कौतिक' का आयोजन, 75 हजार के अधिक बुक्स का लगेगा मेला

Last Updated : Mar 16, 2024, 5:29 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details