रायपुर :कृषि के देवता माने जाने वाले भगवान बलराम की जंयती के अवसर पर छत्तीसगढ़ में किसान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. किसान दिवस के अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में "प्राकृतिक एवं गौ आधारित कृषि" विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई है. इस वर्कशॉप में किसानों को "प्राकृतिक एवं गौ आधारित कृषि" के लाभों के बारे में बताया जा रहा है. रायपुर के कृषि मण्डपम में दोपहर 12:00 बजे से कार्यक्रम शुरु हो गया है.
राज्य स्तरीय कार्यशाला का महत्व :भारतीय संस्कृति में आदिकाल से ही कृषि में गौ उत्पादों जैसे गोबर और गौमूत्र का प्रयोग होता रहा है. गौ आधारित खेती रसायन एवं कीटनाशक मुक्त कृषि की वह पद्धति है, जिसमें परम्परागत तरीके से प्रकृति के नियमों का अनुसरण करते हुए देशी पद्धति खेती के सिद्धांत को अपनाकर खेती की जाती है. प्राकृतिक खेती से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है. इससे मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और खेती की लागत कम हो जाती है.
मुख्यमंत्री साय बतौर मुख्य अतिथि हुए शामिल : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में आयोजित किसान दिवस समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस दौरान सीएम साय ने सभी छत्तीसगढ़ वासियों को भगवान बलराम जयंती की बधाई और शुभकामना दी. उन्होंने कृषि मंत्रालय के किसान दिवस समारोह को एक अभिनव पहल बताया है. सीएम साय ने कहा, "कृषि को आगे बढ़ाने के लिए कार्यशाला का आयोजन होगा तो जरूर छत्तीसगढ़ में कृषि का विकास होगा. इस पहल के लिए क़षि मंत्रालय को बधाई और धन्यवाद देता हूं."