जयपुर: टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के मतदान के दौरान थप्पड़ कांड और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद हुए बवाल को लेकर शुक्रवार को सरकार से इस्तीफा दे चुके मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने समरावता गांव के प्रतिनिधिमंडल के साथ गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद ग्रामीणों ने बवाल और उपद्रव में गांव के लोगों के शामिल होने से इनकार किया और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए.
किरोड़ी लाल मीणा ने भी समरावता गांव में पुलिस पर टारगेटेड कार्रवाई करने का आरोप लगाया. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच करवाने, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने और निर्दोष लोगों को छोड़ने की मांग रखी. उन्होंने पुलिस पर देरी से फैसला लेने का भी आरोप लगाया. वहीं, गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि इस पूरे मामले की सक्षम स्तर पर जांच करवाई जाएगी. अनावश्यक रूप से किसी को परेशान नहीं किया जाएगा, लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे कहीं के भी हों.
किरोड़ी और बेढम ने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur) लूटपाट और आगजनी हुई, पुलिस ने निर्दोषों को पकड़ा : समरावता गांव से आए ग्रामीणों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मतदान खत्म होने के बाद ग्रामीण सांस्कृतिक कार्यक्रम में इकठ्ठा हुए और खाना खाने की तैयारी कर रहे थे. इसी दौरान बाहर से भी कई लोग गांव में घुस गए. इसके बाद बवाल हुआ. ग्रामीणों ने बाहरी लोगों पर लूटपाट करने और पुलिस पर अनावश्यक रूप से निर्दोष ग्रामीणों को पकड़कर ले जाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कई घरों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई. वाहनों को आग लगा दी गई. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लोगों को घरों से बाहर निकालकर ले गई.
सेलेक्टेड पुलिसकर्मियों ने की टारगेटेड कार्रवाई : किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे गांव में गए और मुआयना किया. घटना से प्रभावित लोगों से भी मुलाकात की. कई मकानों में तोड़फोड़ की गई और गाड़ियों को जलाया गया. सेलेक्टिव पुलिसकर्मियों ने टारगेटेड कार्रवाई की है. पोलिंग बूथ पर जो घटना हुई, उस पर पहले कार्रवाई होनी चाहिए थी, जिसमें देरी की गई. जो भी घटना हुई, उसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए.
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समाजकंटक नहीं घुसेगा, ग्रामीण करेंगे सुनिश्चित : किरोड़ी लाल मीणा बोले- सेलेक्टिव पुलिसकर्मियों ने टारगेटेड कार्रवाई की, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. लोकतंत्र में इसे भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता कि कोई अधिकारी को चांटा मारे या मीडियाकर्मियों से मारपीट हो. ग्रामीण समरावता गांव को उनियारा में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. उनकी इस मांग पर सहमति बन गई है. जो ग्रामीणों का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की मांग भी ग्रामीणों ने की है. समरावता और आसपास के ग्रामीण इकठ्ठा होकर यह सुनिश्चित करेंगे कि आपराधिक प्रवृत्ति का कोई आदमी या समाजकंटक गांव में प्रवेश नहीं करे.
निर्दोष फंसे नहीं, दोषी छूटे नहीं : उन्होंने कहा कि आगे कोई हिंसा नहीं हो यह भी सुनिश्चित की जाएगी. फिलहाल, 60 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. एसपी ने आश्वस्त किया है कि निर्दोष को नहीं फंसाया जाएगा. दोषी कोई कहीं का भी हो, उन्हें बख्शा नहीं जाए. ग्रामीणों ने यह भी मांग कि है कि पुलिस गांव से दूर तैनात रहे, ताकि गांव छोड़कर गए ग्रामीण अपने घर, पशु और खेतों को संभाल सकें. अगर जरूरी हुआ तो किरोड़ी लाल और मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म शांति कायम करने के लिए मौके पर भी जाएंगे. किरोड़ी मीणा ने कहा कि दौसा में उनके मतदाताओं पर भी पुलिस ने सख्ती की है. सरकार में रहते हुए भी मुझे यह कहना पड़ रहा है कि मेरे खिलाफ भी सेलेक्टिव कार्रवाई हुई है.
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न्यायोचित जांच का सक्षम स्तर पर लेंगे निर्णय : गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि मतदान के दिन जो घटना हुई, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. शांतिभंग करने का जो प्रयास किया गया, हम उसकी निंदा करते हैं. ग्रामीणों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने और निर्दोष को जबरन नहीं फंसाने की मांग रखी है. हमारी सरकार की भी यही मंशा है. इन्होंने न्यायिक जांच की मांग की है. मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के दौरे पर हैं. सक्षम स्तर पर चर्चा कर पूरे प्रकरण की न्यायोचित जांच सुनिश्चित करवाई जाएगी.
किस स्तर पर हुई अनदेखी और लापरवाही, पता करेंगे : मंत्री बेढम ने कहा कि भोले-भाले लोगों का कोई अपनी राजनीति चमकाने के लिए दुरूपयोग करे, ऐसा हरगिज नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह घटना अकस्मात हुई थी. उसके बाद जो माहौल खराब हुआ, वो दुर्भाग्यपूर्ण है. किस स्तर पर अनदेखी, लापरवाही और अपराध को बढ़ावा देने की क्रियान्विति हुई है, उनकी जांच होगी. फिलहाल, 60 लोगों को हिरासत में लेकर जांच की जा रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि कौन-कौन दोषी हैं और कौन निर्दोष. यह विस्तृत जांच का विषय है.