खूंटी:करोड़ों रुपये खर्च कर पुल, भवन और सड़क बनाने वाले जिले के ग्रामीण विकास विभाग का खुद का भवन जर्जर हो चुका है. बाहर से लेकर अंदर तक भवन की हालत बेहद खराब है. कर्मचारी जान जोखिम में डालकर विभाग में काम करने को मजबूर हैं. जिले में वर्तमान और वर्षों पहले से चल रहे विकास कार्यों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के कागजात इसी भवन में हैं, लेकिन जर्जर भवन में पानी के रिसाव के कारण फाइलें सड़ने लगी हैं. लेकिन विभाग के वरीय अधिकारी खामोश हैं.
जिले में हर साल कम से कम पचास करोड़ से अधिक का विकास कार्य करने वाले ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमंडल कार्यालय के भवन की तस्वीर देखकर ऐसा लगता है कि यह कब कर्मचारियों के सिर पर गिर जाए इसका कोई भरोसा नहीं है. ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमंडल कार्यालय का भवन लगभग पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. कुछ दिन पहले छत का प्लास्टर गिर गया था. गनीमत रही कि प्लास्टर किसी के ऊपर नहीं गिरा, वरना बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था.
कर्मचारी प्रतिदिन अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं. कर्मचारियों ने इसकी सूचना विभाग के वरीय अधिकारियों को दी लेकिन विभाग के अधिकारी रांची और खूंटी के प्रभार में होने के कारण कर्मचारियों की शिकायत को गंभीरता से नहीं लेते हैं. इस संबंध में वहां कार्यरत कर्मचारियों ने बताया कि इस भवन की खस्ता हालत के बारे में कई बार विभाग के वरीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही कार्यालय की मरम्मत कराई गई है. कार्यालय फाइलों और कागजात से भरा पड़ा है.
विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार ने भवन के जर्जर होने और उसमें मौजूद वर्षों पुरानी फाइलों के सड़ने के मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मैं क्या कर सकता हूं, सरकार ने जो भवन दिया है, उसी में काम करना है. हालांकि उन्होंने कहा कि वे विभाग से पत्राचार करेंगे.