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इस बार भी वन विभाग की एनओसी के कारण विख्यात खुहड़ी को रखा गया मरू महोत्सव से दूर - MARU MAHOTSAV 2025

मरू महोत्सव से जैसलमेर के खुहड़ी को इस बार भी दूर रखा गया है. वन विभाग की एनओसी के चलते ऐसा हुआ है.

Maru Mahotsav 2025
मरू महोत्सव (ETV Bharat Jaisalmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 7, 2025, 5:51 PM IST

जैसलमेर: विश्व विख्यात मरू महोत्सव लगातार मरुस्थल से दूर होता जा रहा है. जैसलमेर में खुहड़ी में डेजर्ट नेशनल पार्क की सीमा निर्धारण व धोरों के मुद्दे को लेकर जुलाई 2024 में हुए जॉइंट सर्वें के बाद 7 माह बीत गए हैं, लेकिन अब तक यह मसला हल नहीं हुआ है. इस साल भी मरू महोत्सव के दौरान खुहड़ी में आयोजन नहीं हो रहा है. खुहड़ी के धोरों पर फेस्टिवल नहीं होने के बाद पर्यटन व्यवसायी में रोष है. हालांकि स्टार गेजिंग, कैमल राइड व फोक म्यूजिक के प्रतिदिन होने वाले कार्यक्रम को ही महोत्स्व से जोड़कर खाना पूर्ति की गई है.

खुहड़ी को क्यों दूर रखा मरू महोत्सव से (ETV Bharat Jaisalmer)

जैसलमेर कलेक्टर प्रताप सिंह ने पिछले साल 2024 के फरवरी से जॉइंट सर्वें को लेकर DNP के डीएफओ को पर्यटन विकास समिति की बैठक में निर्देश दिए थे, जिसके बाद जुलाई 2024 रेवन्यू व DNP फॉरेस्ट के सर्वेयर ने मिलकर सर्वें किया था. लेकिन अभी तक जॉइंट सर्वें के बाद भी कोई निर्णय नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि उस सर्वें के दौरान खुहड़ी के वो धोरे जहां फेस्टिवल होता है और अन्य 4-5 किलोमीटर का क्षेत्र रेवन्यू में आया था. हालांकि सर्वें के बावजूद अब तक एरिया को डिनोटिफाइड नहीं किया गया है.

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राजपरिवार के सदस्य व पर्यटन व्यवसायी ठाकुर विक्रम सिंह ने कहा कि खुहड़ी के धोरों पर फेस्टिवल नहीं होना खेद की बात है. डेजर्ट नेशनल पार्क व रेवेन्यू का जॉइंट सर्वें जुलाई 2024 में करवाया गया. वे स्वयं उस सर्वें के दौरान टीम के साथ थे. इस दौरान 7-8 गांव दंप एरिया से करीब 4 से 5 किलोमीटर तक बाहर निकले. इससे स्पष्ट हुआ कि वो रेवन्यू लैंड है और अनाधिकृत रूप से यह उसे पार्क का हिस्सा बनाकर बैठे हैं.

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उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट जयपुर में अटकी हुई है. पुराने पिलर गलत जगह पर लगे हैं. इसका सत्यापन होकर हटाना एक सामान्य प्रक्रिया है. लेकिन इसको नहीं मानना हठधर्मिता है. इसकी वजह से पर्यटन को काफी नुकसान हो रहा है. हाल ही में प्रशासन द्वारा किए गए डीएनपी के सीमांकन में भी यह स्पष्ट हो गया है कि खुहड़ी गांव और यहां स्थित पर्यटन स्थल डीएनपी की सीमा से बाहर हैं. इसके बावजूद वन विभाग और डीएनपी अधिकारियों द्वारा खुहड़ी में मरु महोत्सव के आयोजन पर आपत्ति जताई गई है, जो न केवल स्थानीय पर्यटन को प्रभावित करेगा बल्कि क्षेत्रीय लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाएगा.

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इस विषय पर जैसलमेर पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक कमलेश्वर सिंह ने कहा कि खुहड़ी डयूंस पर पूर्व में फेस्टिवल के तहत मुख्य कार्यक्रम आयोजित करने का प्लान था, लेकिन अब वहां विशेष आयोजन नहीं होने का मुख्य कारण है कि NOC नहीं मिलना. यहां रेवन्यू व फॉरेस्ट का जॉइंट सर्वें होने के बाद फॉरेस्ट विभाग को सर्वें की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. लेकिन वहां से अभी तक उस एरिया को डिनोटिफाइड किया गया है. इसलिए वहां आयोजन नहीं हो सकता. हालांकि हमने खुहड़ी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्टार गेजिंग, कैमल राइड व फोक म्यूजिक का कार्यक्रम रखा है. फॉरेस्ट विभाग जैसे ही सर्वें के अनुसार खुहड़ी के क्षेत्र को डिनोटिफाइड करेगी, तब पर्यटन गतिविधियों पर लगी रोक हट जाएगी.

डेजर्ट नेशनल पार्क के डीएफओ बृजमोहन गुप्ता ने बताया कि खुहड़ी में जहां हमारे बाउंड्री पिलर लगे हैं, वहां खुहड़ी के सेंड ड्यूंस हैं. जहां डेजर्ट फेस्टिवल होना था. वो हमारे सेंच्यूरी एरिया का पार्ट है. जॉइंट सर्वें की रिपोर्ट हमने उच्च अधिकारियों को भेज दी है. सक्षम स्तर पर निर्णय होने के बाद ही NOC दे सकते हैं. हालांकि अभी तक किसी ने NOC मांगी नहीं है और हम नियमानुसार सेंचूरी एरिया में दे भी नहीं सकते. मेरी जानकारी के अनुसार जुलाई 2024 में वन विभाग व रेवन्यू का जॉइंट सर्वें हुआ था. उस सर्वें पर निर्णय होने के बाद ही मरू मेले के विषय में चर्चा हो सकती है.

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