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अब एक महीने तक नहीं होंगी शादियां; नए साल में जानिए कब-कब हैं शुभ मुहूर्त - MARRIAGES SHUBH MUHURT

14 जनवरी को दोपहर 3.27 बजे सूर्यदेव के धनु से मकर राशि में प्रवेश के साथ इसका समापन होगा. इसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी

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अब एक महीने तक नहीं होंगी शादियां. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 17, 2024, 11:02 AM IST

Updated : Dec 17, 2024, 1:29 PM IST

वाराणसी: शहनाई और बैंड बाजे की आवाज पर अब एक महीने के लिए विराम लग गया है. क्योंकि, सोमवार की शाम से खरमास शुरू हो चुका है. सूर्य सुबह 7.39 बजे वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश कर गए और इस राशि परिवर्तन से खरमास की शुरुआत हुई है.

लगभग एक माह बाद अब 14 जनवरी 2025 को दोपहर 3.27 बजे सूर्यदेव के धनु से मकर राशि में प्रवेश के साथ इसका समापन होगा. इसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी लेकिन, विवाह और मांगलिक कार्यों की शुरुआत 16 जनवरी से होगी जो मध्य मार्च तक होगी.

ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी ने बताया कि भगवान भास्कर का धनु व मीन राशि पर संचरण ज्योतिषशास्त्र में खरमास कहा गया है. धनु व मीन राशि का स्वामी बृहस्पति को माना जाता है. ये मांगलिक कार्य संग विवाह आदि के कारक माने जाते हैं.

बारह माह में खरमास दो बार होता है. प्राय: इसमें प्रथम मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक तो दूसरा मध्य मार्च से मध्य अप्रैल तक रहता है. धर्म शास्त्रों में खरमास के दौरान मांगलिक कार्य वर्जित बताए गए हैं. इसलिए 14 जनवरी तक सभी तरह के मांगलिक कार्य यथा-विवाह, मुंडन आदि वर्जित रहेंगे.

पंडित ऋषि ने बताया कि जनवरी में सूर्यदेव के धनु से मकर राशि में प्रवेश के बाद मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इसके दो दिन बाद 16 जनवरी से 14 मार्च तक विवाहादि के लगन-मुहूर्त मिलेंगे. सूर्यदेव फिर 14 मार्च की रात 9.24 बजे कुंभ से मीन राशि में जाएंगे और खरमास लग जाएगा.

इसमें ही 19 मार्च को दोपहर 1.05 बजे शुक्र अस्त होंगे. सूर्यदेव का मीन से मेष राशि में प्रवेश 14 अप्रैल की भोर 5.29 बजे होगा. खरमास समापन के साथ लग्न-मुहूर्त आरंभ होंगे जो आठ जून तक मिलेंगे. इसके बाद 11 जून को देव गुरु बृहस्पति प्रातः 6.55 बजे अस्त होंगे.

मांगलिक कार्यों पर फिर विराम लगेगा. गुरु का उदय सात जुलाई को होगा, लेकिन एक दिन पूर्व छह जुलाई को चातुर्मास आरंभ हो जाएगा. चातुर्मास के पूर्व गुरु अस्त होने से 11 जून के बाद से ही छह जुलाई तक मुहूर्त का अभाव होगा. चातुर्मास समाप्ति बाद वर्ष उत्तरार्ध में लग्न मुहूर्त प्रारंभ होंगे.

नए साल में कब-कब शुरू मुहूर्त

  • जनवरी में 16 से 26 तक.
  • फरवरी में एक से तीन, छह से आठ, 12 से 25 तक.
  • मार्च में एक से तीन, पांच, सात, 11, 13, 14 तक.
  • अप्रैल में 14 से 22, 25, 29, 30 तक.
  • मईः एक, पांच से नौ, 11 से 18, 22 से 24, 28 तक.
  • जूनः एक से आठ तक.

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Last Updated : Dec 17, 2024, 1:29 PM IST

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